ब्लिट्ज ब्यूरो
श्रीहरिकोटा। भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में नया इतिहास लिखा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने एक साथ 7 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया। इनमें 1 स्वदेशी और सिंगापुर के छह सैटेलाइट शामिल हैं। इन उपग्रहों को पीएसएली-सी56 रॉकेट के जरिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। पीएसएलवी-सी56 न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का मिशन है, जो इसरो की कॉमर्शियल ब्रांच है।
सिंगापुर के पृथ्वी प्रेक्षण उपग्रह डीएस-एसएआर और 6 अन्य उपग्रहों को लेकर पीएसएलवी-सी56 रॉकेट ने उड़ान भरी। 14 जुलाई को बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-3 को प्रक्षेपित करने के बाद अब पीएसएलवी-सी56 लॉन्च इसरो की महीने भर के भीतर एक और बड़ी उपलब्धि है।
भारत ने सिखाया रॉकेट का मलबा हटाने का तरीका
भारतीय वैज्ञानिकों ने पीएसएलवी सी-56 रॉकेट के ताजा प्रक्षेपण की सफलता के बाद अनूठा परीक्षण करते हुए पूरी दुनिया को सिखाया कि अंतरिक्ष में बड़ी समस्या बन रहे रॉकेट के मलबे को घटा सकते हैं। इस रॉकेट के जरिये सिंगापुर के उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित तो किया ही गया, काम पूरा हो जाने के बाद रॉकेट के बचे हुए हिस्से को वापस पृथ्वी की ओर 300 किमी ऊंची कक्षा में लाया गया। अब यह अगले दो महीने में पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करके नष्ट हो जाएगा।
इसरो के लिए अगस्त बड़ा व्यस्त महीना
इसरो अगस्त में कई मिशन को अंजाम देने जा रहा है। इनमें गगनयान परीक्षण, चंद्रयान-3 लैंडिंग, एसएसएलवी व जीएसएलवी मिशन शामिल हैं। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि पीएसएलवी के जरिये अगला मिशन भी भेजा जा सकता है।