ब्लिट्ज ब्यूरो
वाशिंगटन। सूर्य ग्रहण ऐसी अनोखी खगोलीय घटना है, जो खगोलविदों के साथ आम लोगों को भी आकर्षित करती है। 2024 में एक नहीं, बल्कि दो सूर्य ग्रहण हैं, जिसमें से पहला ग्रहण इसी साल 8 अप्रैल को लग चुका है। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण था। हालांकि, इसे भारत में नहीं देखा गया था लेकिन इंटरनेट और टेलीविजन के जरिए बहुत सारे लोगों ने इसे देखा। अब साल के दूसरे सूर्य ग्रहण की तैयारी कर लें, जो अक्टूबर में लगने जा रहा है।
‘रिंग ऑफ फायर’
यह सूर्यग्रहण वलयाकार होगा जिसे ‘रिंग ऑफ फायर’ भी कहते हैं। इस दौरान सूरज आग के छल्ले की तरह नजर आता है।
तीन प्रकार के होते सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं- आंशिक, वलयाकार और पूर्ण। आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा की छाया सूर्य के छोटे हिस्से को ढकती है। इस दौरान सूर्य का कुछ हिस्सा दिखाई देता है जबकि ढका हुआ हिस्सा काला नजर आता है। वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य की सीध में होता है लेकिन पृथ्वी से दूर होने के चलते सूर्य पूरा ढका नहीं दिखाई देता। इस दौरान सूर्य के चारों तरफ गोलाकार हिस्सा दिखाई देता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सूरज बिल्कुल नजर नहीं आता और दिन में ही रात जैसा नजारा दिखाई देता है।
2 अक्टूबर को दूसरा ग्रहण
स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने वाला है। भारतीय समयानुसार यह सूर्य ग्रहण रात के 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा और 3 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 17 मिनट पर संपन्न होगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण 6 घंटे 4 मिनट का रहेगा। ग्रहण के अपने चरम पर चंद्रमा सूर्य के केंद्र के 93 प्रतिशत हिस्से को ढक लेगा।
वहीं, ‘रिंग ऑफ फायर’ 7 मिनट 25 सेकंड तक दिखाई देगा। साल के पहले सूर्य ग्रहण की तरह अक्टूबर में लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा।
इसकी वजह है कि यह रात में लग रहा है और उस समय सूर्य पृथ्वी के इस हिस्से की तरफ नहीं होगा। अक्टूबर में लगने वाले सूर्य ग्रहण को प्रशांत महासागर, आर्कटिक के साथ ही दक्षिणी अमेरिका अर्जेंटीना, चिली, पेरू, ब्राजील समेत कई देशों में देखा जा सकेगा। हालांकि, भारत वालों को निराश होने की जरूरत नहीं है। पहले सूर्य ग्रहण की तरह तमाम स्पेस एजेंसियां इसकी भी लाइव स्ट्रीमिंग करेंगी।