ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषण की है। इस घोषणा के जरिये मोदी सरकार ने विपक्ष के मंसूबों पर नकेल लगाने की कोशिश की है और यह कहा जा रहा है कि यह विपक्ष के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। इस घोषणा के बाद जननायक कर्पूरी ठाकुर के संबंध में विपक्ष में श्रेय लेने की होड़ सी भी लग गई है।
आने वाले लोकसभा चुनाव में राजद और जदयू की योजना 2015 के विधानसभा चुनाव की तरह भाजपा को जाति के जाल में उलझाने की थी। तब साथ-साथ चुनाव लड़े जदयू और राजद ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के कथित आरक्षण विरोधी बयान के सहारे भाजपा की ओबीसी विरोधी छवि बना कर चुनावी मैदान मार लिया था। इस बार भी इन दोनों ने पहले जाति जनगणना और बाद में आरक्षण का दायरा बढ़ा कर भाजपा को फिर से जाति के नाम पर पछाड़ने की रणनीति बनाई थी। हालांकि मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर उनके मंसूबों पर पानी सा फेर दिया है।
जननायक के गांव में जश्न, बेटे रामनाथ का केंद्र को धन्यवाद
समस्तीपुर। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा के बाद ठाकुर के पैतृक गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। बड़ी संख्या में लोग उनके पैतृक घर के बाहर इकट्ठा हुए और उनकी 100 वीं जयंती मनाई।
जदयू के राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर ने कहा, मेरे पिता की मृत्यु के 36 साल बाद केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने का फैसला किया है। मैं अपनी पार्टी, अपनी और बिहार की जनता की ओर से केंद्र को धन्यवाद देना चाहता हूं।