ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना जल्द ही रुद्रम-3 मिसाइल का परीक्षण करने जा रही है। टेस्ट फायर के लिए वह सुखोई एसयू-30एमकेआई फाइटर जेट का इस्तेमाल करेगी। ऐसी संभावना है कि इस साल की आखिरी तिमाही में इस मिसाइल को भारतीय वायुसेना के सुखोई एसयू-30एमकेआई फाइटर जेट में लगा दिया जाएगा। इस संहारक कंबीनेशन के बाद चीन और पाकिस्तान यह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि अपना बचाव कैसे करें।
सुखोई एसयू-30एमकेआई अपने आप में बहुत खतरनाक फाइटर जेट है। दुनिया के दस सबसे खतरनाक फाइटर जेट्स में इसकी गिनती होती है। 72 फीट लंबे इस फाइटर जेट का विंगस्पैन ही 48.3 फीट है। 20.10 फीट ऊंचे फाइटर जेट का वजन 18,400 किलो है। इसकी अधिकतम स्पीड 2120 किमी और उड़ान रेंज 3000 किमी है। बीच रास्ते में ईंन्धन मिल जाए तो यह 8000 किमी तक जा सकता है। अधिकतम 57 हजार फीट की ऊंचाई तक यह उड़ान भर सकता है। अब अगर इसमें रुद्रम-3 जैसी मिसाइल लगाई जाती है तो इस फाइटर जेट और वायुसेना दोनों की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
जानिए रुद्रम की ताकत
रुद्रम मिसाइल हवा से सतह पर मार करने वाली एंटी-रेडिएशन मिसाइल है। इसे डीआरडीओ ने बनाया है। रुद्रम-3 असल में ग्राउंड अटैक के लिए बनाई गई पेनेट्रेशन-कम-ब्लास्ट मिसाइल है। यानी इस मिसाइल का इस्तेमाल बंकर तोड़ने से लेकर इमारत गिराने तक किया जा सकता है। इसकी ऑपरेशनल रेंज 600 किलोमीटर है।
टेस्टिंग सफलतापूर्वक हो चुकी
रुद्रम-1 और रुद्रम-2 मिसाइलों की टेस्टिंग सफलतापूर्वक हो चुकी है। यह करीब 1.6 टन की मिसाइल होगी जो अधिकतम 11 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है। रुद्रम के पहले दोनों वर्जन 300 किलोमीटर रेंज के थे। इसकी स्पीड मैक 5 के ऊपर होगी यानी 6174 किमी से ज्यादा होगी।