ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत ने नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि प्राइम’ का सफल परीक्षण किया है। अधिकारियों ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तट से ‘अग्नि प्राइम’ का परीक्षण किया। इस दौरान यह मिसाइल सभी मानकों पर खरी उतरी।
अधिकारियों के मुताबिक ‘अग्नि प्राइम’ के तीन सफल परीक्षण के बाद इस मिसाइल को सशस्त्र बलों में शामिल किए जाने से पूर्व इसका पहला रात्रि परीक्षण था जिससे इसकी सटीकता और विश्वसनीयता पर मुहर लग गई। उन्होंने बताया कि अलग-अलग जगहों पर क्षैतिज दूरी नापने वाले उपकरण, जैसे कि रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम सहित दो जहाज तैनात किए गए थे ताकि मिसाइल के पूरे सफर के आंकड़े एकत्रित किए जा सकें।
– सतह-से-सतह पर मार करने वाली न्यूक्लियर केपेबल
– रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को दी बधाई
अधिकारियों के अनुसार, डीआरडीओ और रणनीतिक बल कमान के शीर्ष अधिकारी ‘अग्नि प्राइम’ के सफल परीक्षण के गवाह बने, जिसने इन मिसाइल को सशस्त्र बलों में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त किया। अग्नि प्राइम के सफल परीक्षण के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को बधाई दी।
इसे डीआरडीओ ने विकसित किया है। यह सतह-से-सतह पर मार करने वाली न्यूक्लियर केपेबल मिसाइल है। अग्नि सीरीज में यह सबसे छोटी और हल्की मिसाइल है। एक जगह से दूसरी जगह इन मिसाइलों को लाना-ले जाना और तैनात करना आसान हो जाता है। यह सेना को बड़ी फ्लेक्सिबिलिटी देता है। ‘अग्नि प्राइम’ मिसाइल की एक्यूरेसी पिछली अग्नि मिसाइलों से ज्यादा है।