ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत ने ओडिशा अपतटीय क्षेत्र में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण किया।
सामरिक बल कमान (एसएफसी) ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर 2,000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
परीक्षण के सभी उद्देश्य हासिल
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि परीक्षण के सभी उद्देश्य हासिल कर लिए गए जिसकी पुष्टि टर्मिनल बिन्दु पर स्थित दो डाउनरेंज पोतों सहित विभिन्न स्थानों पर तैनात कई रेंज सेंसर द्वारा दर्ज किए गए डाटा से हुई है।
सीडीएस बने साक्षी
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, एसएफसी प्रमुख और डीआरडीओ तथा भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी इस परीक्षण के साक्षी बने। सीडीएस जनरल चौहान और डीआरडीओ अध्यक्ष समीर वी कामत ने एसएफसी और डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना की। पिछले साल जून में अग्नि प्राइम का रात के दौरान सफल परीक्षण किया था।
– 2000 किमी तक की संहार क्षमता
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, एसएफसी और सशस्त्र बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सफल परीक्षण सशस्त्र बलों की ताकत को और मजबूत करेगा।
पिछले महीने हुआ था अग्नि-पांच का परीक्षण
पिछले महीने भारत ने ‘मिशन दिव्यास्त्र’ के तहत मल्टीपल इंडिपेंडेंट टारगेटेबल री- एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) के साथ देश में विकसित अग्नि-पांच मिसाइल का पहला सफल परीक्षण किया था। इससे एक ही मिसाइल विभिन्न स्थानों पर विभिन्न लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। अग्नि-पांच की मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर तक है।
अग्नि-1 से अग्नि-4 तक की हो चुकी है तैनाती
अग्नि-1 से अग्नि-4 श्रेणी की मिसाइलों की मारक क्षमता 700 किमी से 3,500 किमी तक है और इन्हें पहले ही तैनात किया जा चुका है।