ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र में ‘मेड इन इंडिया’ के सपने को साकार कर रहे डीआरडीओ की ब्रह्मोस मिसाइल को हाल ही में फिलीपींस ने खरीदा था। अब ब्राजील भारत के आकाश एयर डिफेंस सिस्टम को खरीदने की इच्छा जता रहा है। कुछ दिन पहले ही ब्राजीली सैन्य अधिकारियों ने भारत के इस डिफेंस सिस्टम की ताकत को देखा है।
आकाश मिसाइल सिस्टम भारत का अपना एक तरह का आयरन ड्रोम सिस्टम है। इसमें एक ही मिसाइल सिस्टम से चार टारगेट ध्वस्त करने की क्षमता है। डीआरडीओ अब इसकी ताकत को और बढ़ाने जा रहा है। अब भारत के इस सिस्टम पर ब्राजील रुचि दिखा रहा है।
भारत के आकाश एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत की बात करें तो इसे प्रोजेक्ट कुशा के तहत और ज्यादा विकसित किया जा रहा है। ये क्षमता में रूस के एस 400 को भी टक्क र दे सकता है। ये मिसाइल उच्च तकनीकी रडार प्रणाली के कारण अमेरिकी पैट्रियट मिसाइलों की तुलना में सस्ती और अधिक सटीक है। ये ध्वनि की गति से 2.5 गुना तीव्र की गति से लक्ष्य को भेद सकती है। ये ऊंचाई पर लक्ष्यों का पता लगाकर उन्हें तुरंत नष्ट करने की क्षमता रखती है।
कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा डीआरडीओ
डीआरडीओ इस समय कई प्रोजेक्टस पर काम कर रहा है। वो जल्द ही भारतीय वायु सेना को 200 अस्त्र मार्क-1 मिसाइलें मुहैया कराएगा। डीआरडीओ द्वारा विकसित और बीडीएल द्वारा निर्मित ये मिसाइलें सुखोई और तेजस फाइटर जेट में लगाई जाएंगी। इसकी रेंज 100 किलोमीटर से भी अधिक होगी। ये जैमर के आसपास के टारगेट को भी बिना चूके सटीकता से हिट कर सकती है। पिछले साल इस मिसाइल को फाइटर जेट तेजस से 20 हजार फीट की ऊंचाई पर लॉन्च किया गया था।
चीन की सरहद पर तैनात होगा ‘नेत्रा मार्क-2’
पाकिस्तान और चीनी सरहदों पर अपनी निगहबानी मजबूत करने के लिए भारत ने अपना एक कदम और बढ़ा दिया है। डीआरडीओ नेत्रा मार्क-2 विमान के 6 संस्करण को विकसित करने के कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है। नेत्रा एक स्वदेशी, हल्के वजन, निगरानी और टोही अभियानों को सक्रिय ढंग से करने के लिए ऑटोमेटिक हवाई वाहन है। इसका विकास कार्य 10,990 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। नेत्रा विमान को आसमान में भारत की आंख भी कहा जाता है। यह एक तरह से टोही विमान है जिसका काम आसमान में मौजूद दुश्मनों के विमानों और अन्य उड़ने वाली वस्तुओं का पता लगाना है।