नई दिल्ली। भारत में हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन का 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने चेन्नई में आखिरी सांस ली। स्वामीनाथन को भारत के एक लोकप्रिय वैज्ञानिक के तौर पर जाना जाता था।
स्वामीनाथन पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने सबसे पहले गेहूं की एक बेहतरीन किस्म को पहचाना और स्वीकार किया। इसके कारण भारत में गेहूं उत्पादन में भारी वृद्धि हुई। स्वामीनाथन को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, इनमें पद्मश्री (1967), पद्मभूषण (1972), पद्मविभूषण (1989), मैग्सेसे पुरस्कार (1971) और विश्व खाद्य पुरस्कार (1987) महत्वपूर्ण हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी मीना और तीन बेटियां सौम्या, मधुरा और नित्या हैं। स्वामीनाथन ने धान की ज्यादा पैदावार देने वाली किस्मों को डेवलप करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।



















