डॉ. सीमा द्विवेदी
गांधीनगर। जी20 देशों के शहरी प्रतिनिधियों के अब तक के सबसे बड़े सम्मेलन यू20 में शहरी समस्याओं के निदान और विकास के मुद्दों पर दो दिनों तक यहां पर व्यापक मंथन किया गया। सम्मेलन में पर्यावरण डीकार्बोनाइजिंग, महिलाओं, युवाओं और बच्चों को शहरी विकास कीे मुख्यधारा में लाने, शहरी निवेश व विकास को नए सिरे से परिभाषित करने, भविष्य की प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने वाला एक वैश्विक शहरी ढांचा बनाने पर गहन विचार विमर्श किया गया।
सम्मेलन में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ), सी40 शहर, अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन संस्थान (एआईआईएलएसजी), यूनेस्को, यूनिसेफ, जीआईजेड और आईसीएलईएल सहित कई साझेदारों ने सहयोग किया। सम्मेलन में भारत, अमेरिका, रूस, फ्रांस, इंग्लैंड, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा समेत 20 से ज्यादा देशों के 64 मेयर और लगभग 350 शहर प्रतिनिधि मौजूद रहे।
इस दो दिवसीय सम्मेलन में उद्घाटन सत्र के अलावा जी20 नेताओं को मेयरों द्वारा यू20 वक्तव्य सौंपने के अलावा कई विषयगत सत्र और कार्यक्रम शामिल रहे। शिखर सम्मेलन के दौरान यू20 प्राथमिकता वाले छह क्षेत्रों पर विषयगत सत्र आयोजित किए गए। यू20 के प्राथमिकता वाले क्षेत्र, जी20 द्वारा पर्यावरणीय जिम्मेदारी, जलवायु वित्त और भविष्य के शहरों पर दिए जा रहे जोर को प्रतिध्वनित करते हैं।
पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार व्यवहारों को प्रोत्साहित करना
जलवायु वित्त में तेजी लाना
सुरक्षा सुनिश्चित करना
स्थानीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
शहरी शासन और योजना के लिए ढांचे की पुनर्रचना करना
डिजिटल शहरी भविष्य को उत्प्रेरित करना