ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा व्यवस्था में बदलाव की तैयारी कर रहा है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि यूपीएससी एग्जाम में चीटिंग और फ्रॉड से बचने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की मदद ले सकता है। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), फेशियल रिकग्निशन जैसी तकनीकें शामिल हो सकती हैं।
हर साल 14 परीक्षाएं
यूपीएससी हर साल सीएसई यानी सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन समेत 14 परीक्षाएं आयोजित करता है। इसके अलावा सरकार के शीर्ष पदों के लिए रिक्रूटमेंट टेस्ट और इंटरव्यू भी यूपीएससी का हिस्सा हैं।
ये सुरक्षा व्यवस्थाएं बन सकती हैं हिस्सा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूपीएससी आधार आधारित फिंगरप्रिंट पर भी विचार कर रहा है। इसके अलावा एआई के इस्तेमाल वाले सीसीटीवी, ई-एडमिट कार्ड्स की स्कैनिंग की क्यूआर कोड स्कैनिंग भी शामिल हैं। आयोग परीक्षा में उम्मीदवार के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को बैठने जैसी धोखाधड़ी से बचने के लिए भी यह कदम उठा सकता है।
फिलहाल यूपीएससी ने इन सेवाओं के लिए टेंडर लगाए हैं। खबर है कि टेंडर के दस्तावेजों में साफ किया गया है कि इस तरह की सेवाएं देने वाली कंपनियों को परीक्षा के दो से तीन सप्ताह पहले ही शेड्यूल, परीक्षा केंद्रों और कितने उम्मीदवार शामिल हो रहे हैं, जैसी जानकारियां दे दी जाएंगी।


















