ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। ई- कॉमर्स, निर्माण समेत सभी असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले अस्थाई कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार बजट में कुछ बड़ा एलान कर सकती है। बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों को दुर्घटना और स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जा सकता है। इसके लिए सरकार सामाजिक सुरक्षा कोष बनाने की घोषणा कर सकती है।
कोष में योगदान
इस कोष में कर्मचारी, काम देने वाली कंपनी और सरकार योगदान देंगे। कोष का इस्तेमाल दुर्घटना और स्वास्थ्य बीमा का कवर देने के लिए होगा। सरकार असंगठित क्षेत्र और सभी गिग वर्कर को इलाज से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन कर सकती है। अस्पताल में इलाज की सुविधा अस्थायी कर्मचारी के साथ उसके परिवार को भी दी जाएगी।
रिटायरमेंट पर लाभ भी संभव
बजट में अस्थायी कर्मचारियों के लिए इसी कोष से सेवानिवृत्ति लाभ और अन्य सुविधा भी मिल सकती हैं। गौरतलब है कि सामाजिक सुरक्षा कोड-2020 में भी ऐसी सुविधा देने का प्रस्ताव है। हाल में कर्नाटक में ‘गिग वर्कर्स’ के लिए ड्राफ्ट बिल पेश किया गया था, जिसमें अस्थाई कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। पंजीकरण अनिवार्य होगा और इसकी जिम्मेदारी उनसे काम लेने वाली कंपनियों की होगी। कंपनियों को अपनी कमाई का एक से दो प्रतिशत तक का योगदान कोष में देना पड़ सकता है।
वहीं, निर्माण से जुड़ी कंपनियों से सामाजिक सुरक्षा कोष के लिए सेस वसूला जा सकता है। नियमों की अवहेलना करने वाली कंपनियों से जुर्माने में ली जाने वाली राशि भी सामाजिक सुरक्षा फंड में जमा होगी। दिहाड़ी पर काम करने वाले श्रमिकों को ‘गिग वर्कर’ कहा जाता है।