ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। बीएमसी लगातार टॉप टेन प्रॉपर्टी टैक्स बकाएदारों की लिस्ट जारी कर रही है, लेकिन जिनकी प्रॉपर्टी जब्त की गई, उसकी आज तक नीलामी नहीं कर सकी है। 2005 के बाद से यह सिलसिला चल रहा है। प्रॉपर्टी टैक्स न जमा करने वालों की कुल 5000 से अधिक प्रॉपर्टी जब्त की गई है जिसमें से 3945 की पहले चरण में नीलामी करने की योजना है। बीएमसी इन संपत्तियों की नीलामी की योजना पिछले साल से बना रही है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली।
– बकायेदारों की अब तक 5000 से अधिक प्रॉपर्टी जब्त हो चुकी
एक अधिकारी ने बताया कि नीलामी के लिए बीएमसी वैलुअर, ऑक्शन, एसेट ट्रेसिंग और टेंडर का काम पूरा नहीं कर पाई है। बीएमसी के खजाने में प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में अब तक 2213 करोड़ रुपये जमा हुए हैं जबकि 4500 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य रखा गया है। कम ही उम्मीद है कि टारगेट पूरा हो पाएगा। बीएमसी ने प्रॉपर्टी टैक्स के बड़े बकाएदारों को चेतावनी दी है कि यदि वे तय समय पर टैक्स नहीं जमा करेंगे, उनकी प्रॉपर्टी को सील करने के साथ जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे लोग हैं बकाएदार
बीएमसी ने इससे पहले वर्ष 2005 में जब्त प्रॉपर्टी की नीलामी की थी। मुंबई में 500 वर्ग फुट तक के घरों की प्रॉपर्टी टैक्स माफी के कारण बीएमसी की आय के स्रोत सीमित हो गए हैं। प्रॉपर्टी टैक्स न जमा करने वालों की बीएमसी प्रॉपर्टी जब्त करती है। बीएमसी अधिकारी ने बताया कि फरवरी, 2020 में जब्त एक कंपनी के दो हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं। बीएमसी को उम्मीद थी कि नीलामी से 1.64 करोड़ रुपये का बकाया मिल जाएगा, लेकिन कंपनी ने हेलिकॉप्टर के प्रमुख पार्ट्स निकाल लिए , इसलिए उसकी वैल्यू कम हो गई है।
बीएमसी ने बकाएदारों के भूखंड, दुकान, महंगी गाड़ियां, कंप्यूटर व फर्नीचर तक जब्त किए हैं। बीएमसी के प्रॉपर्टी टैक्स बकाएदारों में आवासीय इमारत, व्यावसायिक संस्थान, औद्योगिक संस्थान, ओपन स्पेस, लघु उद्योग, सरकारी स्वामित्व वाली संपत्ति, शैक्षणिक संस्थान व मॉल्स आदि शामिल हैं।
कैसे होती है नीलामी
बीएमसी अधिकारी ने बताया कि नीलामी से पहले कई तरह की कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। पहले चरण में जिन प्रॉपर्टी को नीलाम करना होता है, उसकी नीलामी के लिए सर्च रिपोर्ट, वैल्यूएशन, ऑक्शन और एसेट ट्रेसिंग के टेंडर जारी किया जाता है। यह काम पूरा होने बाद नीलामी प्रक्रिया को बीएमसी के पोर्टल पर डाला जाएगा। इसके बाद प्रॉपर्टी की नीलामी की जाती है। यदि नीलामी प्रक्रिया शुरू होने से पहले बकाएदार 25 प्रतिशत बकाए का भुगतान कर बाकी के लिए पोस्ट डेटेड चेक देता है, तो उसकी प्रॉपर्टी नीलामी से बच सकती है। जो लोग ऐसा करने में नाकाम रहते हैं, उनकी प्रॉपर्टी की वैल्यू निकालकर उसके लिए नीलामी विज्ञापन दिया जाता है। साथ ही, बीएमसी की वेबसाइट और न्यूजपेपर में नोटिस प्रकाशित की जाती है।
बीएमसी क्यों नहीं कर पा रही है नीलामी?
इसका प्रमुख कारण बीएमसी की धीमी पहल है। बीएमसी के पास करीब एक दशक तक संपत्ति को नीलाम करने का क़ानून नहीं था, दो साल पहले बीएमसी ने कानून बनाया, जिससे वह जब्त संपत्तियों की नीलामी कर सके। लेकिन प्रशासन की लापरवाही और नीलामी की जटिल प्रक्रिया के कारण बीएमसी आगे नहीं बढ़ सकी है और नीलामी प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई है।