ब्लिट्ज ब्यूरो
कल्याण। ठाणे जिले के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र मलंगगड में फ़्यूनिकुलर ट्रॉली सेवा शुरू होने का हर कोई वर्षों से इंतजार कर रहा है। इस ट्रॉली सेवा का काम अंतिम चरण में है। इसका ट्रायल किया जा रहा है। मुंबई, ठाणे, कल्याण, अंबरनाथ, उल्हासनगर, बदलापुर समेत एमएमआर रीजन से लाखों श्रद्धालु मलंगगड की पहाड़ी पर जाकर अपनी श्रद्धा जताते हैं।
2600 अस्त-व्यस्त सीिढ़यां
मलंगगड की पहाड़ी पर 2600 अस्त-व्यस्त सीढि़यां हैं, लोगों को लाठी के सहारे चढ़ना होता है।
पिछले आठ साल से ट्रॉली सेवा शुरू होने का इंतजार बुजुर्ग और महिला श्रद्धालु कर रहे हैं। इस सेवा के शुरू होने पर यहां के सैकड़ों दुकानदारों को भी अपना सामान लाने-ले जाने में सुविधा होगी। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने फरवरी 2013 में इस प्राेजेक्ट की आधारशिला रखी थी।
मार्च 2015 में बनी योजना
मार्च 2015 में यहां आनेवाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए इस रोपवे ट्रॉली सेवा को शुरू करने की योजना बनाई गई थी।
सुप्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को दिया गया काम
हालांकि पीडब्ल्यूडी की यह डेडलाइन तब से चार बार आगे बढ़ाई जा चुकी है। पहले अक्टूबर 2017 में इसे शुरू होना था। मलंगगड पहाड़ी को 1.2 किलोमीटर दोनों तरफ रोपवे के लिए रास्ता बनाने के लिए काटा गया है। इस परियोजना का उद्देश्य पहाड़ियों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करना था। पिछले पांच वर्षों में, इसकी मूल लागत 10.42 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 93 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। पीडब्लूडी विभाग ने बीओटी पद्धति पर 24 वर्षों के लिए सुप्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को यह काम दिया है।