ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। नए विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से देश में रीजनल कनेक्टिविटी को बदलने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना विकसित की जा रही है। इसके तहत एनसीआर में कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे।
इनमें से तीन कॉरिडोर को चरण- I में लागू करने के लिए प्राथमिकता दी गई है। पहले चरण के तीन कॉरिडोर में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर कॉरिडोर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर शामिल हैं।
महिलाओं के लिए अलग कोच, प्रीमियम कोच भी
इसमें मेट्रो की तर्ज पर महिलाओं के लिए अलग कोच होगा। इसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा महिला स्टाफ होगा, जिन्हें स्थानीय स्तर पर रिक्रूट किया गया है। इस हाई स्पीड ट्रेन में कुल 6 कोच होंगे। एक कोच प्रीमियम कैटेगरी के यात्रियों के लिए होगा जो इंजन के बाद पहला कोच होगा।
इतना है किराया
रैपिड ट्रेन में में प्रीमियम क्लास का किराया 40 से 100 रुपये तक होगा, वहीं स्टैंडर्ड क्लास का किराया 20 से 50 रुपये होगा।
हाई-टेक ऑटोमेटिक गेट, हर तरफ डिजिटल स्क्रीन
इसमें आम यात्रियों की सुविधा के लिए शताब्दी ट्रेन या हवाई जहाज की इकोनॉमी क्लास जैसी रिक्लाइनिंग सीटें लगाई गई हैं। हर तरफ डिजिटल स्क्रीन लगाई गई हैं, जो स्टेशन से जुड़ी जानकारी के साथ ही ट्रेन की रियल टाइम स्पीड भी बताएंगी। इसमें एंट्री के लिए हाई-टेक ऑटोमेटिक गेट लगे हैं, प्लेटफार्म और ट्रेन के ट्रैक के बीच ग्लास की दीवार भी लगाई गई है।
मेट्रो से कितनी अलग है नमो भारत
रैपिडएक्स सुविधा, स्पीड और स्टाइल के मामले में मेट्रो से काफी अलग है। रैपिडएक्स 160 किमी/घंटे तक की स्पीड से दौड़ सकती है। जो मेट्रो की तुलना में लगभग 3 गुना है। रैपिडएक्स का सफर प्लेन के सफर की फीलिंग कराएगा।