ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के 6 बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अयोग्यता को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर के अयोग्य ठहराने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पीकर कार्यालय और विधानसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब मांगा है।
जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। 6 बागी विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर, इंद्र दत्त लखनपाल और देवेंद्र कुमार शामिल हैं। बागी विधायकों की ओर से वकील हरीश साल्वे कोर्ट में मौजूद रहे थे।
उन्होंने कहा, हमें व्हिप नहीं मिली और चुनाव में क्रास वोटिंग हुई। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस पर रोक लगाने के लिए भी कहा। इस पर जवाब देते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम स्पीकर के आदेश पर रोक नहीं लगा सकते। यह संभव नहीं हैं लेकिन हम याचिका पर नोटिस जारी कर सकते हैं और जहां तक फ्रेश इलेक्शन का सवाल है, वो हम देखेंगे कि उसका क्या करना है लेकिन हम आपको वोट देने और विधानसभा का हिस्सा बनने की अनुमति नहीं देंगे। इस पर वकील साल्वे ने कहा, लेकिन क्या हमें यह नहीं बताया जाना चाहिए कि चुनाव हो गए हैं और कोई और आ गया है। इस पर जस्टिस संजीव ने कहा, इसकी हम जांच करेंगे बता दें कि अब इस मामले में अगली सुनवाई अप्रैल के आखिर में की जाएगी।