ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। लखनऊ की लाइफ लाइन गोमती नदी में 518 किमी का वॉटर-वे डेवलप किया जाएगा। इसके अलावा कई अन्य नदियों में भी जल्द ही वॉटर परिवहन की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर परिवहन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जल्द ही जल परिवहन प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। इसके तहत इनलैंड वॉटर एक्ट तैयार किया जाएगा। गौरतलब है कि गोमती नदी पीलीभीत से निकलकर शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ, जौनपुर होते हुए गाजीपुर तक जाती है।
– गंगा पर 1620 किमी लंबे प्रयागराज-हल्दिया राजमार्ग का विकास
पर्यटन के लिहाज से नदियों में वॉटर परिवहन की संभावनाएं विकसित करने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसको लेकर विभाग के साथ कई बैठकें कर चुके हैं। मुख्य सचिव भी लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। परिवहन विभाग इसका खाका तैयार करने में जुटा है। इसके तहत लखनऊवासियों के लिए गोमती नदी में जल परिवहन की व्यवस्था होगी। वॉटर ट्रांसपोर्ट के लुत्फ के लिए नए स्टेशन विकसित किए जाएंगे। अभी तक देशभर में कुल 111 नेशनल वॉटर-वे हैं जिनमें से आठ उत्तर प्रदेश में हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जल परिवहन प्राधिकरण के गठन को लेकर मुख्य सचिव के सामने प्रेजेंटेशन दिया जा चुका है। मुख्य सचिव के दिशा निर्देश के बाद कुछ संशोधन कर एक बार फिर पेश किया जाएगा। इसके बाद कैबिनेट से पास कराकर यूपी में जल परिवहन प्राधिकरण का गठन हो जाएगा। उम्मीद है कि नए साल में जल परिवहन प्राधिकरण अपना काम शुरू कर देगा। इसमें कुल 43 पदों के सृजन का प्रस्ताव है।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गंगा नदी पर 1620 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय जलमार्ग-1 प्रयागराज हल्दिया का विकास किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत राष्ट्रीय जलमार्ग एक पर वाटर-वे कॉरिडोर से संबंधित मिनी टर्मिनल्स के विकास और जलयानों के संचालन के लिए बंदरगाह बनाए जा रहे हैं।
इसके तहत वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल, गाजीपुर में गाजीपुर टर्मिनल (इंटर मॉडल टर्मिनल) और चंदौली में फ्रेट विलेज का निर्माण किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जल नियमावली 2022 में सर्वेक्षण और रजिस्ट्रेशन का प्रावधान है। यह अधिकार परिवहन विभाग को दिया गया है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी हो चुकी। रजिस्ट्रेशन के लिए एआरटीओ (प्रशासन) को रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी और संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) को सर्वेक्षक नियुक्त किया गया है। इस संबंध में कई बार बैठकें हो चुकी हैं। प्राथमिकता के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है।
जलमार्गों का ना | लंबाई |
---|---|
गोमती नदी | 518 किमी |
असी नदी | 505 किमी |
बेतवा नदी | 68 किमी |
चंबल नदी | 60 किमी |
घाघरा नदी | 340 किमी |
टोंस नदी | 73 किमी |
वरुणा नदी | 53 किमी |
यमुना नदी | 1089 किमी |
शुरू हो चुकी तैयारी
ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। लखनऊ की लाइफ लाइन गोमती नदी में 518 किमी का वॉटर-वे डेवलप किया जाएगा। इसके अलावा कई अन्य नदियों में भी जल्द ही वॉटर परिवहन की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर परिवहन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जल्द ही जल परिवहन प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। इसके तहत इनलैंड वॉटर एक्ट तैयार किया जाएगा। गौरतलब है कि गोमती नदी पीलीभीत से निकलकर शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ, जौनपुर होते हुए गाजीपुर तक जाती है।
– गंगा पर 1620 किमी लंबे प्रयागराज-हल्दिया राजमार्ग का विकास
पर्यटन के लिहाज से नदियों में वॉटर परिवहन की संभावनाएं विकसित करने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसको लेकर विभाग के साथ कई बैठकें कर चुके हैं। मुख्य सचिव भी लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। परिवहन विभाग इसका खाका तैयार करने में जुटा है। इसके तहत लखनऊवासियों के लिए गोमती नदी में जल परिवहन की व्यवस्था होगी। वॉटर ट्रांसपोर्ट के लुत्फ के लिए नए स्टेशन विकसित किए जाएंगे। अभी तक देशभर में कुल 111 नेशनल वॉटर-वे हैं जिनमें से आठ उत्तर प्रदेश में हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जल परिवहन प्राधिकरण के गठन को लेकर मुख्य सचिव के सामने प्रेजेंटेशन दिया जा चुका है। मुख्य सचिव के दिशा निर्देश के बाद कुछ संशोधन कर एक बार फिर पेश किया जाएगा। इसके बाद कैबिनेट से पास कराकर यूपी में जल परिवहन प्राधिकरण का गठन हो जाएगा। उम्मीद है कि नए साल में जल परिवहन प्राधिकरण अपना काम शुरू कर देगा। इसमें कुल 43 पदों के सृजन का प्रस्ताव है।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गंगा नदी पर 1620 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय जलमार्ग-1 प्रयागराज हल्दिया का विकास किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत राष्ट्रीय जलमार्ग एक पर वाटर-वे कॉरिडोर से संबंधित मिनी टर्मिनल्स के विकास और जलयानों के संचालन के लिए बंदरगाह बनाए जा रहे हैं।
इसके तहत वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल, गाजीपुर में गाजीपुर टर्मिनल (इंटर मॉडल टर्मिनल) और चंदौली में फ्रेट विलेज का निर्माण किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जल नियमावली 2022 में सर्वेक्षण और रजिस्ट्रेशन का प्रावधान है। यह अधिकार परिवहन विभाग को दिया गया है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी हो चुकी। रजिस्ट्रेशन के लिए एआरटीओ (प्रशासन) को रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी और संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) को सर्वेक्षक नियुक्त किया गया है। इस संबंध में कई बार बैठकें हो चुकी हैं। प्राथमिकता के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है।
जलमार्गों का ना | लंबाई |
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गोमती नदी | 518 किमी |
असी नदी | 505 किमी |
बेतवा नदी | 68 किमी |
चंबल नदी | 60 किमी |
घाघरा नदी | 340 किमी |
टोंस नदी | 73 किमी |
वरुणा नदी | 53 किमी |
यमुना नदी | 1089 किमी |
शुरू हो चुकी तैयारी