नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास किया। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत इस मद में 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। स्टेशनों का पुनर्निर्माण स्थानीय निवासियों के सुझाव पर किया जाएगा। यहां एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इस योजना में उत्तर रेलवे के 71, जबकि दिल्ली डिवीजन के 14 रेलवे स्टेशन शामिल हैं। योजना के तहत दिल्ली के सब्जी मंडी, दिल्ली कैंट, नरेला और एनसीआर के फरीदाबाद तथा गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी।
टेंडर जारी हो चुके
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी ने बताया कि रेलवे स्टेशनों पर पुनर्विकास कार्य अगले 40 वर्षों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। 40 वर्ष में कितनी रेलगाड़ियां और यात्री बढ़ेंगे, इसे ध्यान में रखते हुए ये स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं। इनमें से अधिकांश स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं। प्रत्येक स्टेशन को 8 से 9 माह के भीतर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। पुनर्विकास के बाद यहां एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं होंगी। उत्तर रेलवे के मुख्य प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि रेलवे स्टेशनों को परिवहन के विभिन्न माध्यमों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। यह कोशिश होगी कि बस स्टॉप, मेट्रो स्टेशन और ऑटो-टैक्सी स्टैंड तक पहुंचने में स्टेशन से निकलने में यात्रियों को परेशानी न हो।
इन स्टेशनों की बदलेगी सूरत
दिल्ली डिवीजन के दिल्ली कैंट, सब्जी मंडी, नरेला, फरीदाबाद, गाजियाबाद, सोनीपत, रोहतक, मनसा, मोदीनगर, जींद जंक्शन, नरवाना जंक्शन, बहादुरगढ़, पटौदी रोड, शामली, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का होगा पुनर्विकास।
4700 करोड़ खर्च होंगे
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) मोड पर पुनर्विकसित किया जाना है। 45 माह में 4700 करोड़ रुपये की लागत से इसे तैयार किया जाएगा। परियोजना के लिए ई-बोली जमा करने की अंतिम तिथि 29 सितंबर है और इसे 5 अक्तूबर को खोला जाएगा। रेल भूमि विकास प्राधिकरण ने टेंडर के लिए आवेदन करने वाली विभिन्न कंपनियों के साथ बैठक की।
उत्तर प्रदेश के 55 स्टेशन शामिल | |
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यूपी एवं राजस्थान | 55-55 |
बिहार | 49 |
महाराष्ट्र | 44 |
पश्चिम बंगाल | 37 |
मध्य प्रदेश | 34 |
आंध्र और तमिलनाडु | 18-18 |
लगेगा सीसीटीवी
स्टेशनों को उस क्षेत्र के प्रमुख स्थान की शक्ल (लुक) दी जाएगी। खुले रास्ते रखे जाएंगे। पैदल राहगीरों के लिए चौड़े फुटपाथ होंगे। दिव्यांगों के लिए गेट से लेकर प्लेटफार्म तक की सुविधा होगी। एयरपोर्ट की तर्ज पर यहां लाउंज बनाए जाएंगे, स्टेशनों पर 12 मीटर चौड़े फुटओवर ब्रिज होंगे। सीसीटीवी से स्टेशन की निगरानी होगी। यहां अत्याधुनिक फर्नीचर, लिफ्ट और एस्केलेटर होंगे।