ब्लिट्ज ब्यूरो
अपने देश में पानी का संकट बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। हमें और आपको मिलकर, इस संकट को सदा-सदा के लिए ख़त्म करना है। हम और आप मिलकर सुनिश्चित करें कि अपनी अगली पीढ़ी को पानी का संकट विरासत में देकर नहीं जाएंगे।
इसके लिए आज से ही हमें और आपको मिलकर पानी बचाने का संकल्प भी लेना है। अगर पानी की बर्बादी को नहीं रोका गया , तो आने वाले समय में हालात और बदतर हो जाएंगे जिसका ख़ामियाज़ा हमारी अगली पीढ़ी को भुगतना पड़ेगा।
देश की ख़ुशहाली व तरक्की में योगदान
पानी की हर जगह पर बचत का अभियान चलाकर, अपने देश की ख़ुशहाली और तरक़्क़ी में हमारा और आपका यह एक बहुत बड़ा राष्ट्रीय योगदान होगा।
– नहीं रुकी ‘वाटर वेस्टेज’ तो तबाह हो जाएगा आज व कल
पानी के मुद्दे पर अब हमें रहीम दास जी को भी याद रखना होगा जिन्होंने अपनी भविष्यवाणी में कहा था कि “ रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून”। दोस्तों, आपकी जानकारी में देना है कि अपने देश भारत में हर दिन 48.41 अरब लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। दूसरी ओर देश के विभिन्न हिस्सों के लगभग 60 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में पानी का संकट भी झेल रहे हैं।
एनजीटी के आंकड़े
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के रिकॉर्ड्स के मुताबिक़ भारत में 33 परसेंट लोग शेव या ब्रश करने के दौरान नल खुला रखते हैं। हमारे और आपके घरेलू नल से हर मिनट 6 लीटर पानी आता है।
अगर हम अपनी शेविंग के दौरान 5 मिनट भी नल को खुला रखते हैं तो 30 लीटर पानी बह जाता है। अगर हम और आप मिलकर ये तय कर लें कि शेविंग और ब्रश करते समय अब नल को बंद रखेंगे तो हर व्यक्ति एक दिन में 30 लीटर पानी बचाएगा। इस प्रयोग को अब हम सब मिलकर देश के हर एक व्यक्ति और परिवार तक पहुंचाने का प्रयास भी करें।
अब हम आपको रोज़मर्रा की कुछ अन्य गतिविधियों के बारे में भी बताएंगे, जिनसे देश में हर दिन अरबों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की स्टडी में बताया गया है एक “आरओ प्यूरीफ़ायर” एक लीटर पानी शुद्ध करने में 3 लीटर पानी वेस्ट के रूप में निकालता है। यानी अगर आपके घर में रोज़ 15 लीटर पानी शुद्ध होकर आता है तो उसके साथ में 45 लीटर पानी वेस्ट के रूप में निकलता है। इस 45 लीटर वेस्ट पानी का उपयोग कपड़े धोने और गार्डन में डालने में शुरू कर देना चाहिए।
आपकी जानकारी में यह भी लाया जा रहा है कि 1 किलो प्लास्टिक बनाने में 180 लीटर पानी लगता है। आंकड़ों के अनुसार 2021 में भारत में हर व्यक्ति 15 किलो प्लास्टिक यूज़ करने लगा था । यानी हर व्यक्ति 2700 लीटर पानी के बराबर प्लास्टिक यूज़ कर रहा है । नो प्लास्टिक यूज़ से इस 2700 लीटर पानी को बचाया जा सकता है।
एक रोटी की बर्बादी से 35 लीटर पानी की बर्बादी होती
एक अन्य स्टडी में पता लगाया गया है कि 1 रोटी की बर्बादी से 35 लीटर पानी की बर्बादी होती है। इसको समझने के लिए जानना होगा कि दुनिया में पानी की खपत का 92 फ़ीसदी हिस्सा खेती के उपयोग में आता है।
दुनिया में 1.3 अरब टन खाना बर्बाद
यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ हर साल इंसानों द्वारा दुनिया में 1.3 अरब टन खाना बर्बाद किया जाता है। यानी हर एक व्यक्ति लगभग 74 किलो भोजन बर्बाद करता है। जबकि एक किलो गेहूं पैदा करने के लिए 1000 लीटर पानी खर्च होता है।
तेलंगाना हाईकोर्ट ने दी चेतावनी
पानी के गंभीर संकट को देखते हुए तेलंगाना हाईकोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर हैदराबाद ने जल्दी ही जल संरक्षण के लिए उचित कदम नहीं उठाये तो पानी के मामले में हैदराबाद का हाल भी बेंगलुरु जैसा ही होगा। आपकी याददाश्त में चेन्नई में हुए पानी के भीषण संकट को याद दिला रहे हैं। उस समय वहां के स्कूल और कालेज बंद कर दिये गए थे और वाटर बाडीज की सुरक्षा के लिए पुलिस लगाई गई थी।
ऐसे कठिन हालातों के बीच हमें यह भी मालूम रहना चाहिए कि भारत में दुनिया की 18 फीसदी आबादी रहती है। लेकिन अपने देश में पानी के संसाधन यानी स्रोत सिर्फ़ 4 परसेंट ही हैं। भारत में पानी का 80 फीसदी उपयोग कृषि के लिए होता है। हमारे देश में 40 से 42 लाख की संख्या में वाटर बाडीज या जलस्रोत तालाब, जोहड़ और बावड़ी आदि हैं ।
दोस्तों, भारत का जल संकट दूर करने के लिए एक बहु आयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है जिसका उद्देश्य न केवल पानी की उपलब्धता बढ़ाना रहना चाहिए बल्कि पानी की बर्बादी को रोकने और उसके समुचित उपयोग के साथ ही पानी के संसाधनों का अच्छा उपयोग एवं उचित प्रबंधन भी होना चाहिए।