ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत और फ्रांस के बीच राफेल लड़ाकू विमान को लेकर एक और डील पर मुहर लग सकती है। फ्रांस ने रक्षा मंत्रालय को 26 समुद्र राफेल जेट और उससे संबंधित उपकरणों के लिए करीब 50,000 करोड़ रुपये के सौदे को शीघ्र अंतिम रूप देने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए अपनी बोली सौंप दी है। सूत्रों ने कहा कि फ्रांसीसी विस्तृत स्वीकृति पत्र (एलओए), ऑफर, मूल्य और अन्य विवरणों के साथ प्रस्तुत कर दिया गया। भारत ने अक्टूबर के मध्य में इसके लिए टेंडर जारी किया था।
फ्रांस ने जो एलओए दिया है उसमें 22 सिंगल सीट वाले लड़ाकू विमान के अलावा 4 डबल सीट ट्रेनर, हथियार, सिम्युलेटर, पुर्जे और चालक दल प्रशिक्षण का जिक्र है।
26 लड़ाकू विमानों और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के सौदे को पेरिस में मोदी-मैंक्रो शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले 13 जुलाई को राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा प्रारंभिक मंजूरी दी गई थी। शिखर सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त बयान में सौदों का कोई उल्लेख नहीं किया गया था।
नौसेना चाहेगी कि राफेल और स्कॉर्पीन के सौदे इसी वित्तीय वर्ष में हो जाएं, क्योंकि उसे अपने दो विमानवाहक पोतों से संचालित होने वाले लड़ाकू विमानों की अपर्याप्त संख्या के साथ-साथ पानी के नीचे लड़ाकू बेड़े में कमी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 2024 के भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। उन्होंने पीएम मोदी का न्योता स्वीकार कर लिया है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने जनवरी में दिल्ली आने में असमर्थता जताई। मैक्रों गणतंत्र दिवस पर भारत आने वाले छठे फ्रांसीसी नेता होंगे। उनसे पहले 1976 में फ्रांसीसी प्रधानमंत्री जैक्स शिराक, 1980 में राष्ट्रपति वैलेरी गिस्कार्ड डी’एस्टेंग, 1998 में राष्ट्रपति जैक्स शिराक, 2008 में राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी, 2016 में राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि भारत आए थे।
ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत और फ्रांस के बीच राफेल लड़ाकू विमान को लेकर एक और डील पर मुहर लग सकती है। फ्रांस ने रक्षा मंत्रालय को 26 समुद्र राफेल जेट और उससे संबंधित उपकरणों के लिए करीब 50,000 करोड़ रुपये के सौदे को शीघ्र अंतिम रूप देने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए अपनी बोली सौंप दी है। सूत्रों ने कहा कि फ्रांसीसी विस्तृत स्वीकृति पत्र (एलओए), ऑफर, मूल्य और अन्य विवरणों के साथ प्रस्तुत कर दिया गया। भारत ने अक्टूबर के मध्य में इसके लिए टेंडर जारी किया था।
फ्रांस ने जो एलओए दिया है उसमें 22 सिंगल सीट वाले लड़ाकू विमान के अलावा 4 डबल सीट ट्रेनर, हथियार, सिम्युलेटर, पुर्जे और चालक दल प्रशिक्षण का जिक्र है।
26 लड़ाकू विमानों और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के सौदे को पेरिस में मोदी-मैंक्रो शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले 13 जुलाई को राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा प्रारंभिक मंजूरी दी गई थी। शिखर सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त बयान में सौदों का कोई उल्लेख नहीं किया गया था।
नौसेना चाहेगी कि राफेल और स्कॉर्पीन के सौदे इसी वित्तीय वर्ष में हो जाएं, क्योंकि उसे अपने दो विमानवाहक पोतों से संचालित होने वाले लड़ाकू विमानों की अपर्याप्त संख्या के साथ-साथ पानी के नीचे लड़ाकू बेड़े में कमी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 2024 के भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। उन्होंने पीएम मोदी का न्योता स्वीकार कर लिया है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने जनवरी में दिल्ली आने में असमर्थता जताई। मैक्रों गणतंत्र दिवस पर भारत आने वाले छठे फ्रांसीसी नेता होंगे। उनसे पहले 1976 में फ्रांसीसी प्रधानमंत्री जैक्स शिराक, 1980 में राष्ट्रपति वैलेरी गिस्कार्ड डी’एस्टेंग, 1998 में राष्ट्रपति जैक्स शिराक, 2008 में राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी, 2016 में राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि भारत आए थे।