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Home ब्लिट्ज इंडिया मीडिया

2030 के रोडमैप पर मिलकर काम करने का ये अवसर है : पीएम मोदी

- भारत को भी पीएम ऋिष सुनक से सकारात्मक उम्मीदें

Blitzindiamedia by Blitzindiamedia
November 4, 2022
in ब्लिट्ज इंडिया मीडिया
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2030 के रोडमैप पर मिलकर काम करने का  ये अवसर है : पीएम मोदी
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भारतवंशी 42 वर्षीय ऋषि सुनक के ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनने के बाद अब यह सवाल उठने लगे हैं कि इससे भारत को क्या फायदा होने वाला है। बकिंघम पैलेस में किंग चार्ल्स से मुलाकात केबाद किंग ने उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा। ऋषि का भारत से नाता है। उनके दादा-दादी पंजाब के रहने वाले थे। ऋषि की पत्नी अक्षता मूर्ति भी भारतीय हैं जिनके पिता इन्फोसिस के संस्थापक एन नारायणमूर्ति, भारत के बड़े उद्योगपति हैं।
ऐसे में ऋषि के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने पर भारत में भी जश्न मनाया जाना स्वाभाविक है। सोशल मीडिया पर यूजर्स कई तरह से ऋषि को बधाई दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि ऋषि के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने से भारत को काफी फायदा होगा। आज हम इसकी पड़ताल करेंगे कि आखिर ऋषि के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने से भारत को क्या फायदा होगा?

ऋषि के पीएम बनने से भारत को कितना फायदा?

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विदेश मामलों के जानकार डॉ. आदित्य पटेल ने इस सवाल पर कहा कि ये अच्छी बात है कि भारतीय मूल के ऋषि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने हैं लेकिन हमें इसके आगे भी सोचना और समझना होगा। ऋषि भले ही भारतीय मूल के हैं लेकिन अब वो ब्रिटेन के नागरिक हैं और ब्रिटेन के ही लीडर हैं। ऐसे में ये बात बिल्कुल याद रखनी चाहिए कि ऋषि आने वाले समय में जो भी फैसला लेंगे वो अपने देश यानी ब्रिटेन और ब्रिटेन के नागरिकों के हितों को ख्याल में रखते हुए लेंगे और वहां के लोग भी उन्हें बि्रटेन के संकटमोचक के रूप में देख रहे हैं। भारत को होने के नाते भारतीयों को भी उनसे भारत के संदर्भ में जुड़े मुद्दों पर सकारात्मक नजरिया अपनाए जाने की उम्मीदें बढ़ी हैं। हालांकि विशेषज्ञों के मतानुसार अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी भारतीय मूल की हैं पर उनको भी सोच समझ कर भारत के प्रति कोई रवैया अपनाना पड़ता है क्योंकि अगर कमला भारत के प्रति सॉफ्ट रुख अख्तियार करेंगी तो उनपर लोग सवाल खड़े करने लगेंगे। कुछ-कुछ ऐसी ही परिस्थितियां ऋषि के साथ भी हो सकती हैं। फिर भी सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद कुछ मुद्दों पर भारत पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।

1. हो सकते हैं वीजा नियम सरल
भले ही सीधे तौर पर ऋषि सुनक भारतीयों को फायदा न पहुंचा सकें लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर सुनक जरूर मदद कर सकते हैं। बड़ी संख्या में भारतीय ब्रिटेन में पढ़ाई करने और काम करने के लिए जाते हैं। उन्हें सख्त वीजा नियमों का सामना करना पड़ता है। ऋषि प्रधानमंत्री रहते हुए वीजा नियमों में बदलाव ला सकते हैं और उन्हें सरल बना सकते हैं।

2. कई डील रुक भी सकती हैं
ब्रिटेन इस समय आर्थिक मोर्चे पर और ऊर्जा के संकट से जूझ रहा है। यूक्रेन युद्ध के कारण भी वह असहज है। रूस से भारत की नजदीकी तमाम पश्चिमी व यूरोपीय देशों को रास नहीं आ रही है। ऋषि ब्रिटेन में अश्वेत प्रधानमंत्री हैं और उन्हें सबसे पहले अपने देश के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना है। ऐसे में भारत के साथ होने वाली डील में रुकावट भी आ सकती है क्योंकि श्वेत प्रधानमंत्री आसानी से भारत से डील कर लेते और उन पर कोई आरोप भी नहीं लगेंगे, जबकि ऋषि के साथ ठीक विपरीत होगा।

ऋषि न सिर्फ भारतीय मूल के हैं, बल्कि हिंदू भी हैं। ऐसे में अगर वह भारत के साथ कोई डील करते हैं तो उसपर हर किसी की नजर होगी। ठीक इसी तरह मलेशिया के साथ हुआ था। वहां जब नजीब अब्दुल रजाक जैसे स्थानीय मलय शख्स प्रधानमंत्री थे तब भारत के संबंध बेहतर थे और भारतीय मूल के महातिर मोहम्मद के साथ संबंध जटिल रहे। इसलिए कहा जा सकता है कि शायद श्वेत पीएम से डील करना भारत के लिए ज्यादा आसान हो सकता है। यह एक अच्छी बात है कि जिस देश ने कभी हम पर राज किया उसका मुखिया आज एक भारतवंशी है। लेकिन इस खुशी के साथ हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ऋषि एक ब्रिटिश इंडियन हैं। साफ तौर पर उनकी वफादारी ब्रिटेन के साथ है। वह ब्रिटेन के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे पर भारत को भी सकारात्मक उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए और हो सकता है सुनक भविष्य में भारत के संदर्भ में उपयुक्त फैसले लें। वह ब्रिटेन और इंडिया के रिश्ते दो-तरफा होने की बात करते हैं। वह ज्यादा ब्रिटिश कंपनियों की मौजूदगी भारत में चाहते हैं। वह ज्यादा ब्रिटिश स्टूडैंट्स भारत में चाहते हैं। यह सही है। भारत यह उम्मीद कर सकता है कि नस्लवादी सोच वाला ब्रिटिश मीडिया शुरुआती दौर के बाद भारतीय मूल के होने को लेकर सुनक को निशाना बनाएगा। उसकी नजरें इस बात पर होंगी कि सुनक का व्यवहार इंडिया के साथ कैसा रहता है।

आज बराबरी वाले दो देशों के बीच व्यापार को लेकर चर्चा और एग्रीमेंट हो रहे हैं। इंडिया 3.5 लाख करोड़ डॉलर की इकॉनमी बनने के बाद ब्रिटेन को पीछे छोड़ चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ब्रिटेन से कई मामलों में बहुत आगे निकल चुका है। अत: अब दोनों देशों के बीच न कम न ज्यादा बल्कि बराबर का नाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऋषि सुनक को बधाई देते हुए अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने पर हार्दिक बधाई, उम्मीद है कि 2030 के रोडमैप पर काम करते हुए वैश्विक मुद्दों पर आपस में मिल कर काम करने के मौके मिलेंगे।

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