नई दिल्ली। डाक्टरों का कहना है कि शरीर में आयोडीन की कमी मानसिक कार्य प्रणाली को बाधित करती है। इसकी पर्याप्त मात्रा न मिलने पर मन अशांत और तनाव की स्थिति बनती है। हर नमक में आयोडीन है। मगर फिर भी लोगों में आयोडिन की कमी से थॉयराइड और अन्य बीमारियों के मरीज दिखाई दे रहे हैं। आयोडीन की कमी वाले मरीज रोजाना अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। आयोडीन की कमी से लोगों के गले में सूजन की शिकायत हो रही है। बता दें कि गत 21 अक्तूबर को विश्व आयोडीन अल्पता दिवस मनाया गया।
आज के समय में लोग प्राय: आयोडीन युक्त नमक का सेवन कर रहे हैं, फिर भी लोगों में आयोडीन की कमी देखने को मिलती है। अगर खाद्य सुरक्षा विभाग की मानें तो बाजार में ज्यादातर नमक आयोडीन युक्त ही बेचा जा रहा है। आयोडीन की कमी से शरीर में बनने वाले तीन तरह के हार्मोन में बदलाव होता है जिससे कई तरह की समस्याएं पैदा हो रही है। ट्राईआयोडिनथायरोक्सिन (टी3) , थायरॉक्सिन (टी4) और टीएचएस हार्मोन में बदलाव होने की वजह से थॉयराइड के बढ़ने और घटने की समस्या हो रही है जिसकी वजह से मरीजों में वजन बढ़ना, थकान होना, कब्ज होना जैसी कई दिक्कतें आ रही हैं।
दाल-सब्जी बनाने के बाद डालें नमक
आयोडीन हीट के संपर्क में आकर उड़ जाता है जिसकी वजह से सब्जी, दाल में पड़ा आयोडीन युक्त नमक भी कई बार शरीर में आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाता है। इसकी वजह से घेंघा समेत कई बीमारियां हो जाती हैं। इसलिए सब्जी, दाल पकाने के बाद नमक डालें जिसके बाद बर्तन को ढक कर रख दें जिससे आयोडीन उसमें रह जाता है।
वयस्कों के लिए 150 माइक्रोग्राम आयोडीन जरूरी
थायराइड हार्मोन बनाने के लिए शरीर में आयोडीन की निश्चित मात्रा आवश्यक है। वयस्कों को रोजाना 150 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है। जबकि गर्भवती महिलाओं को रोजाना 200 माइक्रोग्राम आयोडीन जरूरी होता है। आयोडीन की कमी से शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। किसी भी संक्रमण से शरीर तभी सुरक्षित रहता है, जब हमारी इम्युनिटी अच्छी होती है और आयोडीन की कमी इंसान को कमजोर बनाती है। इसके अतिरिक्त आयोडीन की कमी से बच्चों की मानसिक सेहत पर बहुत असर पडता है।
इसके कारण बौद्धिक विकास में में कमी आने की आशंका बढ़ जाती है। दरअसल अमीनो एसिड के साथ मिलकर थायराइड ग्रंथि से स्रावित होने वाले हार्मोंस के संतुलन को बनाए रखने में आयोडीन अहम भूमिका निभाता है। वहीं शिशु के मानसिक विकास में इसकी कमी का बहुत असर पडता है। जिन मांओं में इसकी कमी होती है, उनके बच्चों का शारीरिक विकास धीमा होता है।
(लेखिका एसोसिएट प्रोफेसर हैं)
शरीर में आयोडीन की कमी के लक्षण
– थॉयराइड ग्रंथि का बढ़ जाना
– लेटते समय दम घुटना
– थकान महसूस होना
– रूखी स्किन और बालों का गिरना
– याददाश्त कमजोर होना
इन चीजों का करें सेवन
– मछली का सेवन करें
– अंडे को अपने नाश्ते में शामिल करें
– मेवों का सेवन शरीर के लिए लाभदायक
– मीट का प्रयोग करें
– दूध, दही का सेवन करें
– रोस्टेड, ब्राउन राइस का प्रयोग करें