ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। मुंबई में कोस्टल रोड पर बन रहे सी लिंक ब्रिज को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। बाद्रां-मरीन ड्राइव को गर्डर से जोड़ दिया गया। इस दौरान बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी भी मौजूद थे।
कोस्टल रोड और बांद्रा वर्ली सी-लिंक को बो आर्च स्टि्रंग गर्डर के जरिए सफलतापूर्वक जोड़ा गया है। समुद्र में हाई और लो टाइड का उपयोग कर इन दोनों मार्गों को एक गर्डर के माध्यम से जोड़ने का भारत में इस तरह का यह पहला प्रयोग है।
मौसम अनुकूल रहने के बाद समुद्री लहरों और हवा की गति का अनुमान लगाते हुए इंजीनियरों ने प्लेटफॉर्म को कनेक्ट किया। कोस्टल रोड और सी-लिंक जुड़ने से बांद्रा से मरीन ड्राइव का 15 किमी से लंबा सफ़र महज़ 15 मिनट में पूरा किया जा सकेगा।
कोस्टल रोड का 87 पर्सेंट काम पूरा
कोस्टल रोड का अब तक 87 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हुआ है। मरीन ड्राइव से सी-लिंक के लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद जून में शुरू होने की उम्मीद है।
सबसे कठिन काम बाकी
कोस्टल रोड निर्माण से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि 10.58 किमी लंबे कोस्टल रोड प्रोजेक्ट का सबसे चुनौतीपूर्ण काम कोस्टल रोड से बांद्रा-वर्ली सी-लिंक ब्रिज का कनेक्शन है। इसके लिए प्रशासन ने बेहद सुनियोजित योजना तैयार की है।
25 अप्रैल को पहुंचा था पहला गर्डर
बांद्रा-मरीन ड्राइव के दोनों सिरों को जोड़ने वाला पहला गर्डर मझगांव डॉक से 25 अप्रैल को सुबह 4 बजे कोस्टल रोड साइट्स पर पहुंचा था। गर्डर पर अब सीमेंट कंक्रीट किया जाएगा। गर्डर को जंग से बचाने के लिए सी-5 जापानी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
500 ट्रोलर की मदद से अंबाला से मुंबई पहुंचा पार्ट्स
कोस्टल रोड -सी लिंक को जोड़ने वाला गर्डर 136 मीटर लंबा और 18 से 21 मीटर चौड़ा है। इस गर्डर के छोटे स्पेयर पार्ट्स को अंबाला (हरियाणा) में तैयार किया गया है। ये स्पेयर पार्ट्स क़रीब 500 ट्रोलरों की मदद से मुंबई पहुंचे। स्पेयर पार्ट्स को एक साथ जोड़ा गया और नवी मुंबई के न्हावा बंदरगाह से फ्लीट की मदद से वर्ली लाया गया।
प्रॉजेक्ट पर विशेष ध्यान क्यों दे रहे कमिश्नर?
कोस्टल रोड दक्षिण मुंबई से उत्तर मुंबई को जोड़ने वाला सबसे प्रमुख मार्ग साबित होगा। इसे बीएमसी जिस तत्परता से अंजाम तक पहुंचाने के लिए काम कर रहा है, यदि इसी तरह पहले हुआ होता, तो मुंबईकरों को वर्ष 2023 में ही इससे सफर का अवसर मिल सकता था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा जल्द से जल्द इसका काम पूरा करने के आदेश के बाद बीएमसी ने अब इसे जून में पूरी क्षमता के साथ खोलने की योजना बनाई है।
8000 करोड़ से बढ़कर 14000 करोड़ हुई लागत
बीएमसी की लापरवाही का नतीजा है कि कोस्टल रोड की लागत 8000 करोड़ रुपये से बढ़कर 14000 करोड़ तक पहुंच गई है।
कमिश्नर भूषण गगरानी इस प्रोजेक्ट पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि वह किसी कीमत पर इसकी और डेडलाइन बढ़ाना नहीं चाहते।