ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र तय समय से एक दिन पहले खत्म हो गया। नए संसद भवन में आयोजित पहला और वर्तमान लोकसभा का अंतिम औपचारिक सत्र सुरक्षा चूक, उपराष्ट्रपति की मिमिक्री पर उपजे विवाद और बड़ी संख्या में हुए विपक्षी सांसदों के निलंबन के नाम रहा। इस सत्र ने लोकसभा चुनाव से पहले सरकार और विपक्ष के संबंधों में आई खटास और दूरी को और बढ़ा दिया।
हालांकि इस दौरान देश के आपराधिक कानून में बदलाव लाने वाले तीन और दूरसंचार क्षेत्र में बदलाव लाने वाले आम विधेयक समेत 18 विधेयक पारित किए गए। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के अगले दिन से शुरू हुए सत्र का पहला हफ्ता शांति से बीता। हालांकि संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन हुई सुरक्षा चूक से सियासी महाभारत शुरू हो गया।
– तय समय से एक दिन पहले ही खत्म हो गया शीतकालीन सत्र
13 दिसंबर को दो व्यक्ति लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने धुआं फैला दिया। विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए विस्तृत चर्चा के साथ गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की। इस पर हुए विवाद के चलते दोनों सदनों से विपक्ष के रिकॉर्ड 146 सांसदों को किया गया निलंबित। इनमें लोकसभा के 112 और राज्यसभा के 34 सांसद शामिल रहे।
इनमें प्रमुख रूप से कांग्रेस के 60, डीएमके के 21, जदयू के 14, टीएमसी के 21 सांसद निलंबित किए गए।
महुआ मोइत्रा की गई सांसदी
इस सत्र के दौरान लोकसभा की आचार समिति की सिफारिश के आधार पर प्रस्ताव पारित करके तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा की सदस्यता समाप्त कर दी गई। आचार समिति ने उन्हें नकदी और उपहार के बदले में संसद में प्रश्न पूछने के लिए दोषी पाया था।