ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ को देश के 100 करोड़ लोग कम से कम एक बार सुन चुके हैं। 23 करोड़ लोग नियमित रूप से ‘मन की बात’ को सुनते हैं। ‘मन की बात’ को लेकर आईआईएम, रोहतक द्वारा कराई गई कंप्रीहेन्सिव स्टडी में यह तथ्य सामने आया है। यह स्टडी प्रसार भारती ने कराई है।आईआईएम के डायरेक्टर धीरज शर्मा और प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने बताया कि स्टडी के लिए डेटा कलेक्शन हिंदी के साथ-साथ कई क्षेत्रीय भाषाओं में किया गया था। ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड 30 अप्रैल को प्रसारित होगा।
‘मन की बात’ के बारे में करीब 96 प्रतिशत लोग जानते हैं
स्टडी में पता लगा कि ‘मन की बात’ के बारे में करीब 96 फीसदी लोग जानते हैं। स्टडी में 15 साल या अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया गया। 65 प्रतिशत लोग हिंदी में कार्यक्रम सुनते हैं, जबकि 18 फीसदी अंग्रेजी में इसे सुनते हैं।
17.6 प्रतिशत लोग ‘मन की बात’ को रेडियो पर सुनते हैं। 44.7फीसदी लोग टीवी और 37.6 प्रतिशत लोग मोबाइल पर सुनते हैं। 19 से 34 साल आयु वर्ग वाले 62 फीसदी लोग ‘मन की बात’ को मोबाइल पर सुनते हैं। 60 साल से अधिक उम्र के 3.2 प्रतिशत लोग टीवी पर ‘मन की बात’ देखते हैं।
लोगों में यह बदलाव आया
73 फीसदी लोग देश की प्रोग्रेस और सरकार की वर्किंग को लेकर ऑप्टिमिस्टिक हैं। उन्हें लगता है कि देश सही दिशा में जा रहा है। 60 प्रतिशत लोगों में राष्ट्रनिर्माण के कार्यों में योगदान देने का जज्बा पैदा हुआ। सरकार के प्रति जन भावना का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सर्वे के अनुसार 63 फीसदी लोगों का रवैया सरकार के प्रति पॉजिटिव हुआ। 59 फीसदी लोगों को लगता है कि उनका भरोसा सरकार पर बढ़ा है। 55 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे देश के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। 58 फीसदी श्रोताओं ने कहा कि उनकी लिविंग कंडीशंस में सुधार हुआ है।
10,003 लोगों पर किया गया सर्वे
सर्वे में शामिल 10,003 लोगों में 60 प्रतिशत पुरुष व 40 फीसदी महिलाएं थीं। ये लोग 68 अलग-अलग काम करते हैं। इनमें 64 प्रतिशत अनौपचारिक और सेल्फ एम्प्लाइड थे। 23 प्रतिशत स्टूडेंट्स थे। आईआईएम के डायरेक्टर धीरज शर्मा ने बताया कि डेटा भारत के ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ और साउथ रीजन्स से लिया गया।