ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। नए प्रस्तावित विधेयकभारतीय न्याय संहिता में पहचान छिपाकर किसी महिला से शादी करने या पदोन्नति और रोजगार के झूठे वादे के तहत यौन संबंध स्थापित करने वाले को 10 साल तक की कैद हो सकती है। ऐसा पहली बार होगा। गौरतलब है कि लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह में 3 विधेयक पेश किए जिसमें पहली बार महिलाओं से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए एक विधेयक प्रस्तावित किया गया है।
फिलहाल ये है व्यवस्था
देश की अदालतें पहले भी शादी के वादे के आधार पर दुष्कर्म का दावा करने वाली महिलाओं के मामलों से निपटती हैं, लेकिन आईपीसी में इसके लिए कोई खास प्रावधान नहीं किया गया है। मौजूदा व्यवस्था में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति धोखे से महिला से शादी करने का वादा कर उसके साथ यौन संबंध बनाता है तो ऐसा यौन संबंध दुष्कर्म नहीं कहलाएगा लेकिन नए प्रस्तावित विधेयक (भारतीय न्याय संहिता) में इसे दुष्कर्म की श्रेणी में लाया गया है और इसके लिए 10 साल तक की कैद की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) पर बात करते हुए आपराधिक मामलों की वरिष्ठ वकील शिल्पी जैन ने कहा कि यह प्रावधान काफी समय से लंबित था। जब उनसे पूछा गया कि कुछ लोगों का मानना है कि ‘पहचान छिपाकर शादी करने’ के विशिष्ट प्रावधान को झूठे नाम के तहत अंतरधार्मिक विवाह के मामलों से निपटने के लिए भी लाया गया है तो उन्होंने कहा कि अब इसकी व्याख्या की जा सकती है।
जानें लव जिहाद के मामलों पर कैसे होगी सख्ती
दरअसल, ‘लव जिहाद’ शब्द अंग्रेजी के ‘लव’ यानी प्यार और दूसरा अरबी भाषा का शब्द ‘जिहाद’ से मिलकर बना है। यहां ‘लव जिहाद’ से मतलब है, एक धर्म विशेष का व्यक्ति दूसरे धर्म की लड़कियों को झूठे प्यार में फंसा कर लड़की का धर्म परिवर्तन करवा देता है। इसे ही ‘लव जिहाद’ कहा जाता है। अब प्रस्तावित बिल में ऐसा करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी।