ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने अपने काम को धीरे-धीरे पूरी तरह से पेपपलेस कर दिया है। रेलवे अपना पत्र व्यवहार भी ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म पर ई- फाइलिंग के द्वारा ही करेगा। रेलवे बोर्ड के एडवाइजर एडमिनिस्ट्रेशन ऑफिसर ने सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधक को इसका पालन करने को कहा है। आदेश के मुताबिक 1 नवंबर के बाद रेलवे की सेंट्रल रजिस्ट्री में भौतिक पत्र और फाइलें मंजूर नहीं की जाएंगी। फिलहाल डीएंड आर और विजिलेंस डिपार्टमेंट को इससे छूट दी गई है।
भारतीय रेलवे ने पेपरलेस के लिए मार्च 2019 में एक करार किया था, जिसके बाद से इस दिशा में लगातार काम जारी था। रेलवे ने चरणबद्ध तरीके से मंडल से लेकर स्टेशन और यार्ड के कार्यालयों में डिजीटलाइजेशन से काम शुरू किया, पिछले साल से 70-80 प्रतिशत काम ई-प्लेटफार्म के द्वारा हो रहा है। दक्षिण पश्चिम रेलवे देश का पहला पेपरलेस रेलवे जोन बना है।
रेल प्रशासन चाहता है कि 1 नवंबर से ऑफलाइन काम पूरी तरह से ई-ऑफिस कल्चर में बदलकर ऑनलाइन हो जाए। रेलवे कर्मचारी को इलाज के लिए पंजीयन कराना, जनरल टिकट डिजिटलाइजेशन ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन पहले ही उपलब्ध करा चुकी है।