ब्लिट्ज ब्यूरो
नोएडा। नोएडा प्राधिकरण ने आपात स्थिति में मदद पहुंचाने के लिए शहर भर में 150 स्थानों पर सड़क किनारे आपातकालीन कॉल बॉक्स स्थापित किए हैं।
‘सेव अवर सोल’ (एसओएस) बॉक्स एक ‘हेल्प’ बटन जैसा है जो कॉल करने वाले को सेक्टर 94 में एकीकृत कमांड सेंटर से जोड़ देता है। इन बाॅक्सिज को नोएडा के सेक्टर 16, 18, 25, 31, 53 और 57 सहित कुल 150 अन्य जगहों पर लगाया गया है। बटन दबाते ही पुलिस व प्रशासन की टीम एक्शन में आकर तत्काल मददगार बन कर मौके पर पहुंच जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि एसओएस बॉक्स लोगों को वाहन चोरी, दुर्घटना और स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति में मददगार साबित होगा।
महिलाओं के लिए विशेष मददगार
नोएडा ट्रैफिक सेल के डीजीएम एसपी सिंह ने कहा, कभी-कभी, लोगों को एम्बुलेंस सेवाओं का लाभ मिलने में कठिनाई होती है, शहर की सड़कों पर यात्रा करते समय वाहन चोरी या दुर्घटनाओं की रिपोर्ट करना मुश्किल हो जाता है। नियंत्रण कक्ष के ऑपरेटर कॉल करने वाले के लिए तत्काल उपलब्ध होंगे और सहायता प्रदान करेंगे। ये बॉक्स महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी काफी मददगार साबित होंगे।
ट्रैफिक लाइट के खंभों पर बॉक्स लगाए गए हैं। कॉल बॉक्स पर लगे कैमरे कॉल करने वाले के आस-पास भी नजर रखते हैं, जब तक कि मदद नहीं पहुंच जाती। दिल्ली-एनसीआर में इस तरह की पहलों के विस्तार की जरूरत है। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि जब तक अधिकारी लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने पर काम नहीं करेंगे तब तक सेवा का दायरा सीमित रहेगा।
जरूरत जागरूक करने की भी
दिल्ली में सड़क सुरक्षा मुद्दों पर काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन ट्रैक्स रोड सेफ्टी के संस्थापक अध्यक्ष अनुराग कुलश्रेष्ठ ने कहा, प्राधिकारियों को पहले आपातकालीन कॉल बॉक्स की उपयोगिता के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। इसके अलावा नोएडा की सड़कों के दोषपूर्ण सड़क डिजाइन और स्पीड ब्रेकर को ठीक करने पर भी काम किया जाना चाहिए।
दो हादसों के बाद अतिरिक्त चौकसी
नोएडा अथाॅरिटी ने हाल के दो हादसों के बाद अतिरिक्त चौकसी बढ़ाने के उद्देश्य से ये प्रबंध किए हैं। एक हादसे में 24 वर्षीय डिलीवरी एजेंट के मोटर साइकिल को अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी और उसे बड़ी दूर तक घसीटता ले गया जिससे उसकी मृत्यु हो गई। दूसरे हादसे में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर एक कार ने तीन काॅलेज छात्रों को टक्क र मार कर घायल कर दिया। पुलिस टक्क र मारने वाले वाहनों का अब तक पता नहीं लगा पाई।