ब्लिट्ज ब्यूरो
ग्लासगो। स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में पहले और दूसरे विश्व युद्ध में लड़ने वाले भारतीय सैनिकों के लिए मेमोरियल बनेगा। इसमें दोनों विश्व युद्धों में ब्रिटेन की तरफ से लड़े 40 लाख से ज्यादा भारतीय सैनिकों के योगदान को दर्शाया जाएगा। ग्लासगो की लोकल काउंसिल ने मेमोरियल बनाने के प्लान को मंजूरी दे दी है। ग्लासो सिटी काउंसिल अब मेमोरियल का डिजाइन फाइनल करने की तैयारियां कर रहा है। यह वॉर मेमोरियल केलविनग्रोव नाम की एक आर्ट गैलरी और म्यूजियम के पास बनेगा।
सभी धर्म के सैनिकों को जगह मिलेगी
मेमोरियल को बनाने वाली संस्था कलरफुल हेरिटेज ने कहा है कि हम चाहते हैं कि इस मेमोरियल के जरिए भारत की विविधता को भी दर्शाया जा सके। इसलिए इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्मों के सभी सैनिकों के योगदान की जानकारी दी जाएगी।
डंकिर्क की लड़ाई से स्कॉटलैंड पहुंचे थे सैनिक
मेमोरियल में उन सिख और मुस्लिम सैनिकों का योगदान खासतौर पर दिखाया जाएगा जो दूसरे विश्वयुद्ध में कई के6 फोर्स के हिस्सा थे। ये डंकिर्क की खतरनाक लड़ाई से वापस स्कॉटलैंड आए थे। दरअसल, दूसरे विश्वयुद्ध में डंकिर्क में फंसे लाखों सैनिकों में भारतीय सैनिक भी शामिल थे। डंकिर्क में भारतीय सैनिकों के योगदान को नकारने पर काफी समय से बहस हो रही है।
खास बनाई गई थी के6 फोर्स
1939 में फ्रांस पहुंचने पर ब्रिटिश सेना को अहसास हुआ कि उसे डंकिर्क जैसी जगह पर ट्रांसपोर्टेशन के लिए जानवरों की जरूरत पड़ेगी। इसके चलते भारत से सैनिकों की चार कंपनियां भेजी गईंं जिनके साथ 2500 खच्चर थे। दिसंबर 1939 में रॉयल इंडियन आर्मी कॉर्प्स के ये सैनिक मुंबई से फ्रांस पहुंचे। इन्हें फोर्स के6 नाम दिया गया था।