आतंकवाद के खिलाफ कई बड़े फैसले किए, खुद करतीं है अपने फैसले टाइप
अहमदाबाद। सोनिया गोकानी गुजरात उच्च न्यायालय की पहली मुख्य न्यायाधीश बनी हैं। 26 फरवरी 1961 को गुजरात के जामनगर में जन्मीं गोकानी सीबीआई, टाडा स्पेशल कोर्ट की जज भी रह चुकी हैं। गुजरात दंगों से जुड़े कई मामलों की भी उन्होंने सुनवाई की और उल्लेखनीय निर्णय दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस के लिए सोनिया जी गोकानी का नाम तय किया था। राज्य के इतिहास में किसी भी महिला जज को इस पद पर पहुंचने का मौका नहीं मिला। जस्टिस सोनिया जी गोकानी काफी सख्त और तेजतर्रार न्यायाधीश मानी जाती हैं। मूलरूप से जामनगर से ताल्लुक रखने वाली गोकानी 15 दिनों तक इस पद पर रहेंगी। गुजरात के मौजूदा चीफ जस्टिस अरविंद कुमार को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया है। वे 12 अक्टूबर, 2021 में गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे।
– सिर्फ 15 दिन का है कार्यकाल
टाडा कोर्ट की रहीं जज
सोनिया गोकानी को गुजरात हाईकोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनने का गौरव हासिल हुआ है लेकिन वे चीफ जस्टिस के रूप में 24 फरवरी तक यानी 15 दिनों तक ही काम करेंगी। आयु सीमा के चलते सोनिया 25 फरवरी को सेवानिवृत्त हो जाएंगी। सोनिया गोकानी गुजरात हाईकोर्ट जस्टिस के तौर पर कई ऐतिहासिक फैसले दे चुकी हैं। पिछले साल स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़े हरिधाम सोखड़ा के संवेदनशील मामले की सुनवाई सोनिया गोकानी ने ही की थी। गोकानी अब के करियर में महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों में संवेदनशील फैसले देती आई हैं। इसके अलावा गोकानी पर्यावरण की सुरक्षा की हिमायती रहीं है। कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन कोर्ट के संचालन में खुद अपने फैसले टाइप करती थीं। 26 फरवरी, 1961 को जन्मी गोकानी ने माइक्रोबायोलॉजी की पढ़ाई के साथ एलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई की। गोकानी 1995 में डिस्टि्रक्ट जज बनी थीं। इसके बाद वे 2011 में गुजरात हाईकोर्ट की अतिरिक्त न्यायाधीश बनी थीं। 1 मई, 1960 को बने गुजरात हाईकोर्ट में सेवानिवृत्त होने की आयु 62 साल है। गुजरात हाईकोर्ट में जजों के कुल 52 पद स्वीकृत हैं। इनमें 39 स्थायी और 13 पद अतिरिक्त न्यायाधीशों के लिए हैं। गुजरात हाईकोर्ट में अभी कुल जजों की संख्या 26 है।