जेनेवा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर से आईना दिखाया है। भारतीय राजनयिक सीमा पुजानी ने कहा कि पाकिस्तान के लोग खुद रोजी-रोटी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन भारत के साथ ‘ऑब्सेशन’ नहीं छूट रहा। बता दें कि दो दिन पहले पाकिस्तान की विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार ने यूएनएचआरसी में भारत पर झूठे आरोप लगाए थे। पुजानी ने पाकिस्तानी मंत्री को करारा जवाब दिया है। पुजानी ने पाकिस्तान को आतंकी देश बताया और कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा फैला रहा है। इतना ही नहीं पुजानी ने तुर्किए और ओआईसी को भी दी सलाह दी कि भारत के अंदरूनी मामलों में दखल न दें। उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पूरे क्षेत्र भारत का हिस्सा थे, हैं, और हमेशा रहेंगे।
पाकिस्तान की बातें मजाक
सीमा पुजानी ने कहा कि पाकिस्तानी मंत्री के मुंह से मानवाधिकारों की बातें सुनना मजाक है। पाकिस्तान में आवाज उठाने वाले गायब हो जाते हैं। भारतीय राजनयिक ने कहा कि पाकिस्तान के अपने जांच आयोग को पिछले एक दशक में गुमशुदगी की 8,463 शिकायतें मिली हैं। यूएनएचआरसी में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं पुजानी ने कहा कि जो लोग भारत में अल्पसंख्यकों की आजादी की बात करते हैं, वो पहले अपने गिरेबां में झांकें। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए धार्मिक आजादी नहीं है। वे अपने धर्म का पालन नहीं कर सकते हैं।
अहमदिया समुदाय का मुद्दा
उन्होंने पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय की आजादी का मुद्दा उठाया। पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय को केवल अपनी आस्था का पालन करने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। पुजानी ने कहा कि एक तरफ पाकिस्तान की आवाम अपने जीवन, लाइफ स्टाइल और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रही।
उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन दूसरी तरफ ये भारत के खिलाफ गलत प्रोपगेंडा फैला रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान का भारत के प्रति ‘ऑब्सेशन’ यह दिखाता है कि इनकी प्राथमिकताएं ही गलत हैं। पुजानी ने पाकिस्तान को सलाह दी कि वे अपनी ऊर्जा और शक्ति का इस्तेमाल वहां की आवाम की देखभाल में करें। पुजानी ने जम्मू-कश्मीर पर तुर्किए के प्रतिनिधि और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की टिप्पणी पर भी खेद जताया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर हमारा आतंरिक मामला है। इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से बचें। पुजानी ने कहा कि जहां तक ओआईसी का संबंध है, हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को लेकर की गई गलत टिप्पणी को खारिज करते हैं। सच ये है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पूरे क्षेत्र भारत का हिस्सा थे, हैं और हमेशा रहेंगे।