ब्लिट्ज ब्यूरो
न्यूयॉर्क । संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत रुचिरा कंबोज ने यहां हिक्सविले में स्थित पर्ल बैंक्वेट हॉल में 25 फरवरी 2024 को आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में ब्लिट्ज इंडिया के अमेरिका (यूएस) संस्करण का लोकार्पण किया। पिछले कुछ वर्षों में भारत नए जमाने की नीतियों, नए सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों और नए एजेंडे के साथ सर्वांगीण विकास की राह पर चल पड़ा है। 21वीं सदी के भारत ने एक नए राष्ट्र को आकार देने की दृष्टि से एक नई तरह की राजनीति और एक नए शासन एजेंडे को जन्म दिया है। ब्लिट्ज इंडिया इस परिवर्तनकारी प्रक्रिया में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है और इसे गति प्रदान करता है।
यह साप्ताहिक समाचार पत्र अपने प्रयासों को ‘एक नए राष्ट्र के निर्माण’ की दिशा में निर्देशित करता है, जैसा कि इसकी टैगलाइन में घोषित किया गया है। ब्लिट्ज इंडिया सभी के लिए बेहतर और अधिक टिकाऊ भविष्य प्राप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के ब्लूप्रिंट, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को भी अत्यधिक महत्व देता है।
सतत विकास लक्ष्यों को महत्व देता है ब्लिट्ज इंडिया
-ब्लिट्ज इंडिया के और विस्तार को तहे दिल से समर्थन
ब्लिट्ज इंडिया के चेयरमैन एवं प्रधान संपादक दीपक द्विवेदी एवं भारतीय पैनोरमा के प्रकाशक एवं मुख्य संपादक इंद्रजीत एस सलूजा ने कहा कि रुचिरा कंबोज भारतीय कूटनीति के शिखर की प्रतीक हैं; उनका शानदार करियर अग्रणी उपलब्धियों और भारत के वैश्विक कद के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता से चिह्नित है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि का पद संभालने वाली पहली महिला के रूप में उन्होंने अद्वितीय शालीनता, कुशाग्रता और जोश के साथ भारत की कूटनीतिक कमान संभाली है।
पेरिस से लेकर संयुक्त राष्ट्र में अपने अभूतपूर्व कार्यकाल तक, वह वैश्विक मंच पर भारत के हितों को मुखर करने और आगे बढ़ाने में सबसे आगे रही हैं। यूनेस्को में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका, भारत की सांस्कृतिक विरासत काे समर्थन और दक्षिण अफ्रीका में उनकी रणनीतिक व्यस्तताओं ने भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत किया है। राजदूत कंबोज का नेतृत्व प्रेरणा का प्रतीक है, जो दूरदर्शी कूटनीति के गहरे प्रभाव को प्रदर्शित करता है। उनका योगदान मात्र प्रतिनिधित्व से परे है; वे विश्व मंच पर भारत की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती हैं, अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में नेतृत्व की भूमिका के लिए तैयार राष्ट्र की भावना की प्रतीक हैं। वह एक बेहतर राजनयिक ही नहीं बल्कि दूरदर्शी भी हैं जिनकी विरासत भारत की कूटनीतिक गाथा के इतिहास में अंकित है, जो आने वाली पीढ़ियों को बड़े सपने देखने और ऊंचे लक्ष्य रखने के लिए प्रेरित करती है।