कुदरत के कहर से थर्राए तुर्किये की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस संजीदगी और दरियादिली का परिचय दिया, विश्व में एक मिसाल है। पूरे विश्व को अपना परिवार मानने की हजारों साल पुरानी भारतीय परंपरा को पीएम मोदी ने और आगे बढ़ाते हुए उस देश की खुले दिल से मदद की जो हमारा कभी मददगार नहीं रहा। ‘ऑपरेशन दोस्त’ नाम से भारतीय टीमें तुर्किये में बड़े पैमाने पर राहत व बचाव कार्यों में व्यस्त हैं। तुर्किये व सीरिया के भूकंप पीड़ितों के लिए भारतीय बचाव कर्मी किसी फरिश्ते से कम नहीं।
यूं ही यह वाक्य नहीं बोला जाता कि ‘मोदी हैं तो मुमकिन है’। हर पीड़ित की मदद के लिए स्वयं संज्ञान लेकर एक्शन में आ जाते हैं। ऐसा अनेक बार हो चुका। मददगार के रूप में पीएम मोदी की पहचान इस समय पूरे विश्व में है। यही कारण है कि लगातार तीसरे साल वह दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। अमेरिका, रूस जैसी महाशक्तियों के राष्ट्राध्यक्ष लोकप्रियता के मामले में पीएम मोदी से मीलों पीछे हैं।
कुदरत के कहर ने तुर्किये को कब्रगाह में बदल दिया है। तुर्की, सीरिया में 21 हजार से ज्यादा लोगों के मरने की खबर सरकारी तौर पर बताई जा रही है जबकि गैर सरकारी आंकड़ों पर जाएं तो यह संख्या इससे कई गुणा तक पहुंच सकती है। स्वयं विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष का कहना है कि लोग एक बुरे सपने की हकीकत झेल रहे हैं। तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन यह कड़वी सच्चाई स्वीकार कर रहे हैं कि भूकंप आने के बाद प्रभावितों को प्राथमिक सेवाएं देने में वह विफल रहे हैं। एर्दोगन को अब तो अपने रवैये, रीति-नीति पर फिर से विचार करना चाहिए कि भारत हमेशा उसका मददगार रहा लेकिन तुर्किये पाकिस्तान का झंडाबरदार क्यों बना रहा।
इंडियन एयरफोर्स के सी-17 विमान को 2 एडीआरएफ टीमों, डॉक्टरों और राहत सामग्री के साथ भेजा। गरुड़ एरोस्पेस कंपनी के ड्रोन भी भेजे हैं। टीम ने 6 साल की बच्ची को रेस्क्यू किया। राहत सामग्री लेकर भारत से छठी फ्लाइट भी तुर्किये पहुंची चुकी है।

अंकारा। तुर्किये में आए भूकंप ने हजारों लोगों को तबाह कर दिया है। संकट की स्थिति में भारत ने तुर्किये की मदद के लिए तत्काल हाथ बढ़ाया तो तुर्किये के राजदूत ने एक मैसेज शेयर किया। ‘वक्त पर जो काम आए वही दोस्त होता है’। आपदा के तुरंत बाद पीएम मोदी ने अपने विदेश राज्यमंत्री को दिल्ली में तुर्किये स्थित दूतावास पर अपने शोक संदेश के साथ भेजा। विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने भारत में तुर्किये के राजदूत फिरात सुनेल से मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और साथ ही हर तरह की मानवीय सहायता देने का वादा भी किया। इस विजिट के बाद फिरात सुनेल ने ट्वीट किया, तुर्की और हिंदी में दोस्त, दोस्ती के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक आम शब्द है। हमारे तुर्किये में एक कहावत है कि जरूरत में काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है।

एक तस्वीर ने सबका दिल जीत लिया जिसमें तुर्किये की महिला भारतीय सेना की एक ऑफिसर को शाबासी दे रही है। तुर्किये के शासकों को यह गंभीरता से समझना, महसूस करना चाहिए कि यह महिला अधिकारी उस देश की सेना की है जो बिना किसी भेदभाव के दुनिया के किसी भी हिस्से में मदद के लिए पहुंच जाती है।तस्वीर हताये प्रांत के फील्ड अस्पताल की है। तुर्की में भयानक भूकंप के बाद भारत की तरफ से सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया गया था।