ब्लिट्ज ब्यूरो
वाशिंगटन। भारत और अमेरिका ने क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (आईसीईटी) पहल के तहत अपने रक्षा सहयोग का विस्तार किया है। व्हाइट हाउस के उप प्रधान सचिव वेदांत पटेल ने बताया कि हमने साझा विकास और उत्पादन के साथ अपने रक्षा सहयोग का भी विस्तार किया है। यह जेट इंजन, गोला-बारूद संबंधी तकनीकों और अन्य प्रणालियों से संबंधित परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगा।
व्हाइट हाउस ने यह बयान दोनों दशों के सैन्य क्षेत्र समेत उन्नत प्रौद्योगिकी में सहयोग करने पर सहमत होने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। मई-2022 में दोनों देशों की सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी तथा औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने के लिए आईसीईटी की घोषणा की गई थी। पटेल ने कहा कि वाशिंगटन में भारतीय एनएसए अजीत डोभाल और अमेरिकी साथी जेक सुलिवन ने उभरती प्रौद्योगिकी पर भारत-अमेरिकी पहल की शुरुआत कर इस विस्तार की नींव रखी है।उधर, विज्ञान और इंजीनियरिंग के सभी गैर-चिकित्सा क्षेत्रों में मौलिक अनुसंधान और शिक्षा संबंधी स्वतंत्र अमेरिकी एजेंसी नेशनल साइंस फाउंडेशन ने कहा कि भारत-अमेरिका ने वैज्ञानिकों और अभियंताओं के बीच अनुसंधान परियोजनाओं के चयन तथा वित्त पोषण प्रक्रिया सुव्यवस्थित करने संबंधी समझौते पर दस्तखत किए हैं। इसके तहत कंप्यूटर विज्ञान-इंजीनियरिंग, भूविज्ञान, भौतिकी व उभरती प्रौद्योगिकियों में सामरिक प्राथमिकताओं तथा शोधकर्ता हितों को आसानी से समायोजित करने के मौके होंगे।
वैज्ञानिक-सांस्कृतिक संबंध बढ़ेंगे
अमेरिकी निकाय एनएसएफ के निदेशक सेतुरामन पंचनाथन ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच नए मौकों के माध्यम से हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी समुदायों तथा दुनिया को यह दिखा रहे हैं कि हमारी सरकारें बाधाओं को तोड़ने व सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए गंभीर हैं। उन्होंने कहा, व्यवस्था के कार्यान्वयन से भारत-अमेरिका में मजबूत वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संबंधों को लाभ होगा। अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा, नई कार्यान्वयन व्यवस्था पर समझौते से सामरिक व तकनीकी क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान के लिए नए विकल्प खुलेंगे जो हमारे लोगों की समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि आईसीईटी पर भारत-अमेरिका की पहल दोनों देशों के वास्ते एक लोकतांत्रिक प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में बड़ा कदम है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति मानते हैं कि यह पहल दोनों देशों के लोकतांत्रिक संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, हम इसे भारत के साथ बेहतर साझेदारी के रूप में देखते हैं।
भारत से कई उम्मीदें
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रशासक अचिम स्टाइनर ने भारत की जी-20 अध्यक्षता पर प्रकाश डालते हुए उन घोषणाओं का स्वागत किया जो उसने अपने नेतृत्व का दौर शुरू होने के दौरान की थीं। उन्होंने कहा, वह जी-20 के तहत होने वाली केंद्रीय बैंकों के प्रमुखों की बैठक में भाग लेने कुछ सप्ताह में भारत जाएंगे। भारत से हमें कई उम्मीदें हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री से मिले अजीत डोभाल
वाशिंगटन। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की है। दोनों के बीच हुई बैठक में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा हुई। इस दौरान दोनों ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने पर प्रतिबद्धता जताई। ब्लिंकन इससे पहले इस्राइल और मिस्र समेत पश्चिम एशिया के दौरे पर थे। अमेरिका लौटते ही उन्होंने तुरंत डोभाल से मुलाकात की। ब्लिंकन ने बैठक के बाद ट्वीट किया, “अमेरिका वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ा रहा है। हमारी रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने पर चर्चा करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ मेरी अच्छी बैठक हुई।” बैठक को लेकर भारतीय दूतावास ने भी ट्वीट किया। इसमें कहा गया, “दोनों पक्षों ने आपसी हित के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विस्तार से विचारों का आदान-प्रदान किया और चर्चा की कि कैसे भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत कर सकते हैं।” डोभाल अमेरिका में उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
ब्लिट्ज ब्यूरो
वाशिंगटन। भारत और अमेरिका ने क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (आईसीईटी) पहल के तहत अपने रक्षा सहयोग का विस्तार किया है। व्हाइट हाउस के उप प्रधान सचिव वेदांत पटेल ने बताया कि हमने साझा विकास और उत्पादन के साथ अपने रक्षा सहयोग का भी विस्तार किया है। यह जेट इंजन, गोला-बारूद संबंधी तकनीकों और अन्य प्रणालियों से संबंधित परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगा।
व्हाइट हाउस ने यह बयान दोनों दशों के सैन्य क्षेत्र समेत उन्नत प्रौद्योगिकी में सहयोग करने पर सहमत होने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। मई-2022 में दोनों देशों की सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी तथा औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने के लिए आईसीईटी की घोषणा की गई थी। पटेल ने कहा कि वाशिंगटन में भारतीय एनएसए अजीत डोभाल और अमेरिकी साथी जेक सुलिवन ने उभरती प्रौद्योगिकी पर भारत-अमेरिकी पहल की शुरुआत कर इस विस्तार की नींव रखी है।उधर, विज्ञान और इंजीनियरिंग के सभी गैर-चिकित्सा क्षेत्रों में मौलिक अनुसंधान और शिक्षा संबंधी स्वतंत्र अमेरिकी एजेंसी नेशनल साइंस फाउंडेशन ने कहा कि भारत-अमेरिका ने वैज्ञानिकों और अभियंताओं के बीच अनुसंधान परियोजनाओं के चयन तथा वित्त पोषण प्रक्रिया सुव्यवस्थित करने संबंधी समझौते पर दस्तखत किए हैं। इसके तहत कंप्यूटर विज्ञान-इंजीनियरिंग, भूविज्ञान, भौतिकी व उभरती प्रौद्योगिकियों में सामरिक प्राथमिकताओं तथा शोधकर्ता हितों को आसानी से समायोजित करने के मौके होंगे।
वैज्ञानिक-सांस्कृतिक संबंध बढ़ेंगे
अमेरिकी निकाय एनएसएफ के निदेशक सेतुरामन पंचनाथन ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच नए मौकों के माध्यम से हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी समुदायों तथा दुनिया को यह दिखा रहे हैं कि हमारी सरकारें बाधाओं को तोड़ने व सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए गंभीर हैं। उन्होंने कहा, व्यवस्था के कार्यान्वयन से भारत-अमेरिका में मजबूत वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संबंधों को लाभ होगा। अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा, नई कार्यान्वयन व्यवस्था पर समझौते से सामरिक व तकनीकी क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान के लिए नए विकल्प खुलेंगे जो हमारे लोगों की समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि आईसीईटी पर भारत-अमेरिका की पहल दोनों देशों के वास्ते एक लोकतांत्रिक प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में बड़ा कदम है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति मानते हैं कि यह पहल दोनों देशों के लोकतांत्रिक संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, हम इसे भारत के साथ बेहतर साझेदारी के रूप में देखते हैं।
भारत से कई उम्मीदें
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रशासक अचिम स्टाइनर ने भारत की जी-20 अध्यक्षता पर प्रकाश डालते हुए उन घोषणाओं का स्वागत किया जो उसने अपने नेतृत्व का दौर शुरू होने के दौरान की थीं। उन्होंने कहा, वह जी-20 के तहत होने वाली केंद्रीय बैंकों के प्रमुखों की बैठक में भाग लेने कुछ सप्ताह में भारत जाएंगे। भारत से हमें कई उम्मीदें हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री से मिले अजीत डोभाल
वाशिंगटन। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की है। दोनों के बीच हुई बैठक में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा हुई। इस दौरान दोनों ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने पर प्रतिबद्धता जताई। ब्लिंकन इससे पहले इस्राइल और मिस्र समेत पश्चिम एशिया के दौरे पर थे। अमेरिका लौटते ही उन्होंने तुरंत डोभाल से मुलाकात की। ब्लिंकन ने बैठक के बाद ट्वीट किया, “अमेरिका वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ा रहा है। हमारी रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने पर चर्चा करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ मेरी अच्छी बैठक हुई।” बैठक को लेकर भारतीय दूतावास ने भी ट्वीट किया। इसमें कहा गया, “दोनों पक्षों ने आपसी हित के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विस्तार से विचारों का आदान-प्रदान किया और चर्चा की कि कैसे भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत कर सकते हैं।” डोभाल अमेरिका में उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।