नई दिल्ली। ‘योग दिवस के सौ दिनों के उत्सव के साथ, आप सभी से इसे उत्साह के साथ मनाने का आग्रह करता हूं। यदि आपने अभी तक योग को अपने जीवन का हिस्सा नहीं बनाया है तो जल्द से जल्द ऐसा कर लें।’ ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 के आयोजन से पहले 100 दिनों की उलटी गिनती शुरू होने के अवसर पर आयोजित आयुष मंत्रालय के एक कार्यक्रम को दिए एक ट्वीट संदेश में कही ।
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि योग के प्रचार और इसकी व्यापक स्वीकृति के माध्यम से, भारत खुद को वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में एक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि काॅरपोरेट सेक्टर को अपने ऑफिस परिसर में योग प्रकोष्ठ की स्थापना करनी चाहिए। इससे वहां काम करने वाले कर्मियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा, यह समावेशी एवं व्यावहारिक विकास के लिए भारत की जी-20 प्राथमिकताओं पर भी केंद्रित है। यह दुनिया भर में मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में ‘वसुधैव कुटुम्बकम ्’ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। योग के आधुनिक वैज्ञानिक पक्ष को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, अब तक योग से जुड़े 12 हजार से ज्यादा शोध पत्र इंडेक्स्ड जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। इसके पक्ष में वैज्ञानिक शोध-आधारित साक्ष्य भी हैं।
क्लीनिकल ट्रायल, रैंडम कंट्रोल ट्रायल, व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण, मौलिक समीक्षा आदि के क्षेत्र में भारत के साथ-साथ अन्य देशों में व्यापक शोध किया गया है। क्लीनिकल ट्रायल में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय विकार, कैंसर, अस्थमा व पीसीओडी आदि जैसे विकार शामिल हैं।
योग पर्यटन का एक महत्वपूर्ण घटक बन गया है। हमारे प्रधानमंत्री योग को दुनिया भर के लोगों को एकजुट करने के लिए एक सांस्कृतिक राजदूत के रूप में देखते हैं। योग की बढ़ती लोकप्रियता के साथ पर्यटन मंत्रालय ने चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन शुरू किया है, जो अपने स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती में सुधार के इच्छुक आगंतुकों के लिए विशेष योग और कल्याण कार्यक्रमों की पेशकश पर केंद्रित है।