लखनऊ। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के अंतिम दिन यूपी को उसकी जीडीपी के लगभग डेढ़ गुना निवेश प्रस्ताव मिले। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 33.50 लाख करोड़ के बंपर निवेश प्रस्ताव के बारे में यूपी ने कभी सोचा तक नहीं था। सीएम ने कहा कि इससे 93 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे। योगी की यह साफगोई बेवजह नहीं कही जा सकती। जीआईएस के लिए 10 लाख करोड़ का लक्ष्य तय किया गया था। इसको लेकर संशय सत्ता और विपक्ष दोनों के मन में था। यूपी में पहली बार हुए निवेश के इस मेगा शो के सफलतम आयोजन ने इस बार ‘परसेप्शन’ और माइंडसेट दोनों को ही बदल कर रख दिया। योगी सरकार ने इसके लिए निवेशकों से संवाद और रोड शो का जो तरीका अपनाया वह अभूतपूर्व था।
इससे संवाद एवं सियासत की जो पिच तैयार हुई उस पर निवेश के रिकार्ड तोड़ रन बने और प्रदेश के विकास का नया मैदान तैयार करने की बेहतरीन नींव भी पड़ती दिखाई दी। यूपी में निवेश के इतने बड़े प्रस्तावों से विकास और सियासत दोनों को ही नया ‘अर्थ’ मिलता दिखाई दे रहा है। उद्घाटन सत्र में देश के दिग्गज उद्योगपति रहे हों या समिट के तीन दिनों में हुए 30 से अधिक सत्रों में हिस्सा लेने वाले देश-दुनिया के विभिन्न निवेशक, सबके पास यूपी को लेकर अपने-अपने अनुभव थे। इन सबके भीतर सबसे अहम बात थी ‘यूपी पर भरोसा, निवेश के लिए उत्सुकता व रिटर्न को लेकर निश्चिंतता व भय विहीनता।’