ब्लिट्ज ब्यूरो
वाराणसी। ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष की पूजा को जारी रखने का आदेश दिया है।
इससे पहले वाराणसी जिला अदालत ने भी इस मामले में हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसके खिलाफ ही मुस्लिम पक्ष स्टे के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा था। हालांकि, यहां से भी मुस्लिम पक्ष को निराशा ही हाथ लगी। हालांकि, मुस्लिम पक्ष के पास अभी सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है और संभवत: अब मुस्लिम पक्ष का अगला कदम सुप्रीम कोर्ट ही होगा।
हिंदू पक्ष के पैरवीकार
तहखाना प्रकरण में हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन व विष्णु शंकर जैन ने बहस की थी। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से यह तय हो गया है कि व्यास जी तहखाने में पूजा अर्चना जारी रहेगी। यह फैसला जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सुनाया। इसके पहले कोर्ट ने 15 फरवरी को दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।
हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी व यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने पक्ष रखा था। वहीं, काशी विश्वनाथ ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता विनीत संकल्प ने दलीलें पेश की थीं।
हिंदू पक्ष ने जताई खुशी
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी के कचहरी परिसर में अधिवक्ताओं और हिंदू पक्ष ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। इस दौरान जय श्रीराम के नारे के साथ हर-हर महादेव का उद्घोष लगाया गया। इस आदेश को हिंदू पक्ष ने सच्चाई की जीत बताया है।
बोले विश्वनाथ मंदिर के सीईओ
काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विष्णु भूषण मिश्रा ने बताया कि कोर्ट के फैसले के अनुसार मंदिर परिसर में छह समय की आरती और अखंड रामायण पाठ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसका प्रबंध जिला जज और जिलाधिकारी के आदेश पर आज भी जारी है। यह यथावत रहेगा। न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा।
बोले जीतेंद्रानंद सरस्वती
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जीतेंद्रानंद सरस्वती ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुखकारी बताया है। उन्होंने कहा कि अनादिकाल से ही तलगृह पर हमारा अधिकार था। बताया कि औरंगजेब ने मंदिर को 1669 में तुड़वाया था लेकिन पूजन-अर्चन उसके पहले भी वहां होता था। कोर्ट का फैसला न्याय की जीत है, बाबा काशी विश्वनाथ की जीत है, सनातन हिंदू धर्मावलंबियों की जीत है।
साढ़े तीन बजे तहखाने में हुई थी मंगला आरती
जिला जज ने 31 जनवरी को तहखाने में पूजा शुरू कराए जाने का आदेश दिया था। इसके बाद हिंदू पक्ष ने उसी दिन देर रात तहखाने को खोलकर पूजा-अर्चना शुरू करा दी। उस दिन करीब साढ़े तीन बजे मंगला आरती शुरू हो गई थी।