दीप्सी द्विवेदी
नई दिल्ली। सेना में महिला अफसरों को स्थायी कमीशन मिलने के बाद भी पदोन्नति न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणियां की हैं और साथ ही सेना को अनेक सलाह व हिदायतें दी हैं। कोर्ट ने सेना को महिला अधिकारियों के प्रति भेदभाव करने वाला बताते हुए उसे ‘अपना घर’ दुरुस्त करने की सलाह दी है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने 34 महिला अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। इन महिला अफसरों का आरोप है कि शीर्ष कोर्ट के आदेश पर स्थायी कमीशन मिलने के बावजूद उनकी पदोन्नति में देरी की जा रही है। युद्धक और कमांडिंग भूमिकाओं में प्रोन्नति के लिए उनके मुकाबले जूनियर पुरुष अफसरों के नामों पर विचार किया जा रहा है।
पीठ ने कहा, हमें लग रहा है कि सेना महिला अधिकारियों के प्रति निष्पक्ष नहीं है। बेहतर है कि आप अपना घर दुरुस्त करें और बताएं कि आप क्या करने जा रहे हैं। पीठ ने सेना को आदेश दिया कि वह प्रोन्नति के लिए अक्तूबर में विचार किए गए पुरुष अधिकारियों के नामों की घोषणा तब तक न करें, जब तक कि महिला अधिकारियों के लिए चयन बोर्ड-3 की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।
महिला अफसरों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वी मोहना ने शीर्ष कोर्ट को बताया कि महिला अफसरों को स्थायी कमीशन दिए जाने के आदेश के बाद से अब तक 1200 जूनियर पुरुष अफसरों को पदोन्नत किया जा चुका है। 22 नवंबर को पिछली सुनवाई के बाद से भी 9 पुरुष अफसरों को ऊंची रैंक दी जा चुकी है। उन्होंने मांग की, जब तक महिला अफसरों को पदोन्नति नहीं मिलती, तब तक किसी भी तरह की पदोन्नति पर रोक लगाई जाए। हालांकि केंद्र व सैन्य बलों की ओर से पेश आर. बालासुब्रह्मणयम ने कोर्ट को बताया कि पिछली सुनवाई के बाद से किसी अधिकारी को प्रोन्नति नहीं दी गई है।
केंद्र बताए महिला अफसरों पर विचार क्यों नहीं
पीठ ने केंद्र सरकार और सेना की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से पूछा कि अक्तूबर में प्रोन्नति के लिए महिला अफसरों के नामों पर विचार क्यों नहीं किया गया?
सेना बोली-महिला अफसरों की पदोन्नति के लिए 150 सीटें
सरकारी वकीलों ने कहा कि सेना महिला अफसरों के हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा, सैन्य प्रतिष्ठान भी इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। सेना ने महिला अफसरों की प्रोन्नति के लिए 150 सीटें स्वीकृत की हैं।
सरकार ने बताया वायुसेना में 13.69% महिला अधिकारी
रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने संसद में बताया कि वायुसेना में सबसे ज्यादा 13.69 फीसदी महिला अधिकारी हैं। इसके बाद, छह फीसदी नौसेना और सबसे कम 3.97 फीसदी थल सेना में हैं। उन्होंने बताया, थल सेना में कार्यरत 3.97 फीसदी महिला अफसर चिकित्सा और दंत चिकित्सा शाखाओं में नियुक्त 21.25 फीसदी अधिकारियों के अतिरिक्त हैं। वहीं, वायुसेना की सैन्य नर्सिंग सेवा (एमएनएस) में 100 फीसदी महिला अधिकारी तैनात हैं। थल सेना में जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) व अन्य प्रमुख रैंक के तहत महिला अधिकारियों की संख्या 0.01 फीसदी है। भारतीय सेना में महिलाओं को दस कोर में नियुक्ति दी जा रही है।