ब्लिट्ज ब्यूरो
शिमला। देश के प्रथम मतदाता और चुनाव आयोग के ब्रांड एंबेसडर 105 वर्षीय किन्नौर के कल्पा निवासी श्याम सरण नेगी हमारे बीच नहीं रहे। बीते कुछ दिनों से उनकी तबीयत ज्यादा खराब चल रही थी। 4 नवंबर देर रात करीब 3:00 बजे अपने घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली। विधानसभा चुनाव के बीच तबीयत खराब होने के चलते दो दिन पूर्व (2 नवंबर) ही उन्होंने बैलेट पेपर से घर से ही अपने जीवन का 34वीं बार वोट डाला था। उस दौरान भी उन्होंने प्रदेश के हर मतदाता से अपने मत का प्रयोग अवश्य करने की अपील की थी। उपायुक्त किन्नौर की मौजूदगी में राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। सुबह 10:46 बजे उनके पार्थिव शरीर को होमगार्ड बैंड की धुनों के बीच ओम मने पदमे हूं गीत गाकर वाहन तक पहुंचाया। वहां उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर कल्पा गांव से 16 किलोमीटर दूर शोंगटोंग स्थित सतलुज नदी किनारे श्मशान घाट तक दोपहर 12 बजे पहुंचाया। यहां किन्नौर पुलिस ने हवा में गोलियां चलाकर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
उनके तीनों बेटों ने 12:30 बजे पिता के शव को मुखाग्नि दी। उनके निधन की सूचना से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। नेगी के अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग शामिल हुए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनके पोते से फोन पर बात कर पूरे परिवार के प्रति सांत्वना जताई।
प्रथम मतदाता के निधन की सूचना के बाद लोग शनिवार सुबह ही उनके घर पर जुटना शुरू हो गए थे। सुबह 10:30 बजे प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। अंतिम विदाई से पहले नेगी की पार्थिव देह को किन्नौरी परंपरा के अनुसार खतक से सम्मानित किया गया। बता दें कि श्याम सरण नेगी सबसे छोटे बेटे चंद्र प्रकाश के साथ रहते थे।