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नई दिल्ली। दुनियाभर में सेमी कंडक्टर की सप्लाई बढ़ाने के लिए भारत और अमेरिका मिलकर काम करेंगे। इस संबंध में भारत-अमेरिका कॉमर्शियल डायलॉग के दौरान दोनों देशों के बीच एमओयू समझौता साइन किया गया है। दोनों देश मिलकर सेमीकंडक्टर चिप बनाएंगे। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने इसकी जानकारी दी।
उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के बुलावे पर अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी जीना रायमोंडो भारत-अमेरिका सीईओ फोरम में भाग लेने के लिए दिल्ली आईं थीं। समझौते के मुताबिक दोनों देश सेमी कंडक्टर सप्लाई चेन और इनोवेशन के सेक्टर में पार्टनरशिप को लेकर काम करेंगे । पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर यानी एक छोटी सी चिप को लेकर बड़ी लड़ाई चल रही है। एक ओर जहां चीन अमेरिका के प्रतिबंधों को झेल रहा है, वहीं कई अमेरिकी कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमी कंडक्टर पार्ट की सप्लाई चेन में भारतीय कंपनियों के साथ काम करना चाहती हैं। भारत ने चिप और डिस्प्ले उत्पादन के लिए 1000 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन योजना भी शुरू की है। ऐसे में भारत-अमेरिका के बीच हुई इस डील से दोनों देशों को फायदा होगा। भारत हर साल 1.76 लाख करोड़ रु चिप आयात पर खर्च करता है । चिप की लोकल मैन्युफैक्चरिंग से कंप्यूटर और मोबाइल फोन सस्ते हो जाएंगे।
सेमीकंडक्टर चिप होती क्या है
सेमीकंडक्टर चिप्स सिलिकॉन से बनी होती है और सर्किट में इलेक्ट्रिसिटी कंट्रोल करने के काम आती है। ये चिप एक दिमाग की तरह इन गैजेट्स को ऑपरेट करने में मदद करती हैं। इनके बिना हर एक इलेक्ट्रॉनिक आइटम अधूरा है। कंप्यूटर, लैपटॉप, कार, वॉशिंग मशीन, एटीएम, अस्पतालों की मशीन से लेकर हाथ में मौजूद स्मार्टफोन तक सेमीकंडक्टर चिप पर ही काम करती हैं।
कैसे काम करता है सेमीकंडक्टर
ये चिप इलेक्ट्रॉनिक आइटम को ऑटोमैटिकली ऑपरेट करने में मदद करती हैं । उदाहरण के लिए, स्मार्ट वॉशिंग मशीन में कपड़े पूरी तरह धुलने के बाद मशीन अपने आप बंद हो जाती है। इसी तरह कार में जब आप सीट बेल्ट लगाना भूल जाते हैं, तो कार आपको अलर्ट देती है। ये सेमीकंडक्टर की मदद से ही होता है।
गुजरात में पहला सेमीकंडक्टर प्लांट
सेमीकंडक्टर बनाने के लिए भारत का पहला प्लांट गुजरात के धोलेरा में बनाया जा रहा है। इसे भारतीय कंपनी वेदांता और ताइवान की फॉक्सकॉन का एक जॉइंट वेंचर मिलकर बना रहा है।
गुजरात सेमीकंडक्टर पॉलिसी
‘गुजरात सेमीकंडक्टर नीति 2022-27’ के तहत इस प्रोजेक्ट को सब्सिडी और प्रोत्साहन देगी। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब्रिकेशन सेक्टर के लिए इस तरह की समर्पित नीति रखने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बन गया है।
इस पॉलिसी के तहत इस प्रोजेक्ट को कुल 75 फीसदी तक सब्सिडी मिलने की उम्मीद है और जमीन की खरीद पर जीरो स्टांप ड्यूटी लगेगी। साथ ही पहले 5 साल तक प्लांट को 12 रुपए प्रति क्यूबिक मीटर पानी दिया जाएगा।