ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मास्टरकार्ड के पूर्व सीईओ अजय बंगा वर्ल्ड बैंक के नए प्रेसिडेंट बन सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उन्हें नॉमिनेट किया है। वे इस पद के लिए नॉमिनेट होने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं। वर्ल्ड बैंक के वर्तमान प्रेसिडेंट डेविड मालपास के अप्रैल 2024 से पहले ही पद छोड़ने के एलान के बाद उन्हें नॉमिनेट किया गया है। इस वक्त 63 साल के भारतीय-अमेरिकी बंगा प्राइवेट इक्विटी फंड जनरल अटलांटिक के वाइस चेयरमैन हैं।
भारत में पढ़ाई, अमेरिका में धाक
अजय बंगा उस भारतीय-अमेरिकी पीढ़ी के हैं, जिन्होंने पढ़ाई भारत में की और अमेरिका में अपनी काबिलियत की धाक जमा दी। उनकी जिंदगी मेहनत, संघर्ष और सफलता की कहानी है। उन्होंने जालंधर और शिमला से स्कूलिंग की। डीयू से ग्रेजुएट और आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया। 1981 में उन्होंने नेसले इंडिया में बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी जॉइन किया और 13 साल में मैनेजर बन गए। इसके बाद वे पेप्सिको की रेस्टोरेंट डिवीजन का हिस्सा बने। यह उदारीकरण का दौर था, जब बंगा ने भारत में पिज्जा हट और केएफसी की लॉन्चिंग में बड़ी भूमिका निभाई।
फॉर्च्यून ने शक्तिशाली उद्योगपति-2012 चुना
बंगा 1996 में सिटी ग्रुप के मार्केटिंग हेड बने। 2000 में सिटी फाइनेंशियल के प्रमुख नियुक्त किए गए। 2009 में मास्टरकार्ड के सीईओ बने और अपनी मार्केटिंग रणनीतियों से मास्टरकार्ड को युवाओं में इतना लोकप्रिय बना दिया कि यह स्टेटस सिंबल बन गया। 2016 में बंगा को पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। मशहूर पत्रिका फॉर्च्यून ने 2012 में बंगा को ‘शक्तिशाली उद्योगपति-2012’ के तौर पर चुना था। वह हिंदुस्तान यूनिलीवर के पूर्व चेयरमैन मानविंदर सिंह बंगा के भाई हैं।
बाइडेन बोले, बंगा सबसे योग्य
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है कि अजय ने ग्लोबल कंपनियों के निर्माण और मैनेजमेंट में तीन दशक से अधिक समय बिताया है। ये वे कंपनियां हैं, जिन्होंने अर्थव्यवस्था के साथ रोजगार को भी बढ़ावा दिया है। साथ ही कहा कि इस ऐतिहासिक क्षण में अजय वर्ल्ड बैंक की कमान संभालने के लिए सबसे ज्यादा योग्य हैं।
वहीं अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अजय के पास क्लाइमेट चेंज की चुनौती पर काम करने का अच्छा अनुभव है। ये ऐसे अनुभव और प्राथमिकताएं हैं जो वर्ल्ड बैंक के लिए आने वाले सालों में मार्गदर्शन करेंगी।