ब्लिट्ज विशेष
नई दिल्ली। लीक से हटकर अलख जगाने वाले ब्लिट्ज इंडिया समूह के संपादक दीपक द्विवेदी ने मीडिया जगत के साथ-साथ अन्य सभी से अपील की है कि विकासपरक समाचारों को सकारात्मक रूप से लें। विकास के समाचारों को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है, इसके लिए सुझाव, मार्गदर्शन और विशेषज्ञ पंच की ब्लिट्ज समूह को सतत ्अपेक्षा रहेगी। कार्यक्रम में अपने संबोधन में दीपक द्विवेदी ने आशीर्वाद, अभिवादन, प्रशंसा को देश-समाज की सदियों पुरानी परंपराओं से जोड़ते हुए कहा कि हम हर उम्र में बड़ों के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेते हैं। राजनीतिक विचारधारा से हट कर किसी का भी अभिवादन कर सकते हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यदि कोई मीडिया वाला तारीफ कर दे तो उसे चापलूस कहना शुरू कर दिया जाता है। इस मानसिकता को बदलना होगा।
– गणतंत्र, देश और पीएम मोदी के सम्मान व स्वाभिमान की रक्षा भी हमारा संकल्प
इस देश में विकास के इतने कार्य हुए हैं कि नए भारत की तस्वीर सामने आ चुकी है। विकासपरक समाचार तैयार करना आसान नहीं। इन समाचारों की गहराई तक जाने के लिए अनुसंधान करना लैब के रिसर्च से ज्यादा कठिन काम है। दीपक द्विवेदी ने कहा कि देश तीव्र गति से विकास पथ पर दौड़ रहा है। विकास पर आघात/आक्षेप से चूक नहीं रहे कुछ लोग और संस्थान। भारत के विकास पर आक्षेप, हमले को कैसे रोकना है, यह हमें आता है। बीबीसी ने भारत के विकास पर हमला बोलने की नाकाम कोशिश की थी। बीबीसी को प्रत्युत्तर देने में ब्लिट्ज इंडिया समूह पूरे तेवर और तैयारी के साथ आगे आया। व्यापक अनुसंधान से खबर तैयार की, प्रमुख अखबारों के संपादकों, वरिष्ठ पत्रकारों से चर्चा की। 90 प्रतिशत सीनियर जर्नलिस्टों ने सलाह दी कि हैडिंग में ‘बुलशिट’ शब्द का इस्तेमाल न करें क्योंकि यह पत्रकारिता के उसूलों के खिलाफ है। हमें बीबीसी को जोर का झटका जोर से देना था, सो हैडिंग दिया ‘बुलशिट बीबीसी’। दीपक द्विवेदी बोले, हाल ही में अमेरिकी सांसद जार्ज सोरोस ने हमारे देश और प्रधानमंत्री पर अनर्गल टिप्पणी करके हमें चुनौती दी है। हम एक बात स्पष्ट तौर पर कह देना चाहते हैं कि गणतंत्र, देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा भी हमारा संकल्प है।
पीएम मोदी संरक्षक, मार्गदर्शक और गुरू भी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरी दुनिया मानवता का मसीहा यूं ही नहीं कहती। ये वही पीएम नरेंद्र मोदी हैं जिन्होंने 150 से अधिक देशों में कोविड वैक्सीन भिजवा कर करोड़ों लोगों को कोरोना के कहर से बचाया था।