ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सहकारिता मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाया जाएगा।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में किए गए समझौता ज्ञापन के अनुसार, पैक्स अब कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में कार्य कर सकेगी। इसके साथ ही 300 से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पैक्स के 13 करोड़ किसान सदस्य हैं। अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि इस कदम से ‘पैक्स की व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और उन्हें आत्मनिर्भर आर्थिक संस्था बनने में मदद मिलेगी’।
– केंद्र ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
ये सेवाएं दी जाएंगी
इस पहल के साथ पैक्स नागरिकों को सीएससी योजना के डिजिटल सेवा पोर्टल पर सूचीबद्ध सभी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा, जिनमें बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन, अद्यतन, कानूनी सेवाएं, कृषि-इनपुट जैसे कृषि उपकरण, पैन कार्ड, आईआरसीटीसी, रेल, बस और हवाई टिकट संबंधी सेवाएं शामिल होंगी। शाह ने कहा कि पैक्स कम्प्यूटरीकरण की चल रही केंद्र प्रायोजित योजना के तहत विकसित किए जा रहे राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर का उपयोग भी पैक्स के लिए सीएससी के रूप में कार्य करने के लिए किया जाएगा, जो एक बड़ी उपलब्धि होगी।
सभी की जीत
अमित शाह ने ग्रामीण और कृषि विकास में पैक्स की भूमिका और योगदान पर भी जोर दिया। शाह ने इस समझौते को सभी के लिए जीत बताते हुए कहा कि इससे न केवल प्रधानमंत्री मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के सपने को पूरा करने और सहकारी समितियों को ग्रामीण विकास की रीढ़ बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि सहकारी समितियों और किसानों दोनों को भी मजबूती मिलेगी।