ब्लिट्ज इंडिया
नई दिल्ली। विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और उन्हें सच्चा देशभक्त बताया। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक पुतिन ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत ने विकास में जबरदस्त सफलता हासिल की है।
उल्लेखनीय है कि पिछले ही दिनों विश्व बैंक के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत और नरेंद्र मोदी सरकार के आर्थिक विकास और डिजिटलीकरण की प्रगति की भूरि-भूरि प्रशंसा की थी। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने माना था कि अब भारत मजबूत स्थिति में है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने मॉस्को में वाल्डाई डिस्कशन क्लब की 19वीं वार्षिक बैठक में पीएम मोदी की सराहना की व उनके भारत को आगे ले जाने के प्रयासों को भी सराहा। उन्होंने कहा कि भारत का फ्यूचर ग्रेट है। मेक इन इंडिया का उनका विचार इकोनॉमिक्स और एथिक्स दोनों में मायने रखता है। पुतिन ने कहा कि फ्यूचर भारत का है क्योंकि यहां दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि मोदी एक आइस ब्रेकर की तरह हैं। वह अपने लोगों के हितों की रक्षा करना अच्छे से जानते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी उन लोगों में से एक हैं जो इंडिपेंडेंट फॉरेन पॉलिसी को लागू करने में माहिर हैं। उन्होंने कहा कि कई पश्चिमी देशों ने भारत पर कई मामलों में प्रतिबंध लगाने की कोशिश की लेकिन इसके बावजूद उन्होंने उन देशों के मंसूबों को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि हमने एक-दूसरे का समर्थन किया और यह अभी भी हो रहा है। मुझे यकीन है कि यह फ्यूचर में भी होगा। मीटिंग के दौरान पुतिन ने रूस-भारत संबंधों का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि भारत-रूस के बीच रिश्ता काफी पुराना है, जो स्पेशल है। ये रिश्ता दशकों का है। रूस के लिए भारत हमेशा से स्पेशल रहा है। दोनों देशों के बीच कोई विवाद भी नहीं है।
पुतिन ने कहा कि भारत ने ब्रिटेन के कॉलोनियल से मॉडर्न देश बनने तक में जबरदस्त तरक्क ी की है। इसने डेफिनिट ग्रोथ रिजल्ट हासिल किए हैं जो भारत के लिए सम्मान और प्रशंसा का कारण बनते हैं। पुतिन ने कहा कि हमारे बीच व्यापार में और वृद्धि हुई। पीएम मोदी ने मुझसे भारत को फर्टिलाइजर की सप्लाई बढ़ाने के लिए कहा था। हमने इसमें 7.6 गुना की वृद्धि की।
तेल सप्लाई में अरब देश पिछड़े, रूस दूसरे नंबर पर
भारत को तेल आपूर्ति में सऊदी अरब को पीछे छोड़कर रूस दूसरे पायदान पर आ गया है। वर्तमान में इराक सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। पिछले 19 महीनों में भारत ने अरब देशों से सबसे कम तेल का आयात सितंबर में किया। भारत का रूस से तेल का आयात 19 से बढ़कर 23 फीसदी तक पहुंच गया है।