ब्लिट्ज ब्यूरो
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ओंकारेश्वर में पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के शारदा पीठ जैसा ही मंदिर बनवा रही है। संस्कृति विभाग ने शारदा पीठ मंदिर के पुराने चित्रों के आधार पर डिजाइन तैयार किया है। यहां एक गुरुकुल भी बनेगा, जिसमें बच्चों को शिक्षा दी जाएगी।
नियंत्रण रेखा से 10 किमी दूर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में यह शारदा पीठ है, जिसे 18 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। हिंदू मायथोलॉजी के अनुसार यहां देवी सती का दायां हाथ आकर गिरा था। 1949 में इस मंदिर को नष्ट कर दिया गया था। मध्यप्रदेश सरकार मंदिर के पुराने चित्रों के आधार पर उसकी प्रतिकृति तैयार कर रही है।
कश्मीरी पंडितों की आस्था का केंद्र
शारदा पीठ मंदिर कश्मीरी पंडितों की आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र रहा है। यह कश्मीर की संस्कृति और विरासत से भी जुड़ाव रखता है। यहां आदि शंकराचार्य आसीन हुए थे। इस पर आसीन होने की प्रक्रिया बहुत कठिन है। आसीन होने के लिए भारत के विभिन्न मत-मतांतरों और श्रेष्ठ विद्वानों से शास्त्रार्थ में विजयी होना पड़ता है।
मंदिर में यह रहेगा खास
- मंदिर परिसर पांच हजार वर्ग मीटर में रहेगा
- नार्थ इंडिया ग्रे स्टोन मंदिर बनाने में उपयोग किया जाएगा।
- मंदिर में मां शारदा की लकड़ी की प्रतिमा रहेगी।
- मंदिर की छत अखरोट की लकड़ी से बनेगी।
- यह मंदिर आम जनमानस के संस्कार केंद्र के तौर पर कार्य करेगा।
- यहां पर वैदिक रीति रिवाजों से संस्कार संपन्न कराए जाएंगे।
- मंदिर संस्था के मध्य में उत्तरी ढलान पर स्थापित होगा। यहां से नर्मदा नदी, एकात्मधाम और ज्योतिर्लिंग का दृश्य दर्शनीय होगा।
अद्वैत वेदांत का केंद्र
ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान का निर्माण किया जा रहा है। 26 हेक्टेयर में फैले संस्थान में सात केंद्र बनाए जा रहे हैं। इनमें से एक केंद्र आचार्य गोविंद भागवत्पाद अद्वैत गुरुकुल है। संस्थान में वैसा शारदापीठ बनाने का निर्णय लिया गया, जैसा वर्तमान में पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में था।
प्राचीन काल में यह विश्व का सबसे बड़ा ज्ञान का केंद्र रहा है। इसके बाद शारदा पीठ को लेकर रिसर्च की गई। कश्मीर के वास्तु एवं स्थापत्य और मंदिरों पर रिसर्च की गई। इन सबके आधार पर एक डिजिटल इमेज बनाई गई। इसे बनाने में पांच से छह महीने का समय लगा। मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया मार्च 2023 से शुरू हो जाएगी।
पुराना मंदिर अब कहीं नहीं
मध्यप्रदेश के संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि ओंकारेश्वर में भारतीय संस्कृति, पुरातत्व और स्थापत्य को ध्यान में रखते हुए शारदा पीठ का निर्माण किया जा रहा है। अब यह मंदिर कहीं नहीं है, इस वजह से पुराने चित्रों को जुटाकर मंदिर का डिजाइन कराया गया है। इसमें बनने वाले गुरुकुल में बच्चों को अद्वैत वेदांत की शिक्षा दी जाएगी।