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नई दिल्ली। मां न सिर्फ बच्चे को जन्म देती है, बल्कि उसके दिमाग, व्यक्तित्व और आत्मविश्वास को भी आकार देने वाली होती है। मुझे कोई संदेह नहीं कि मेरे जीवन और चरित्र में जो कुछ भी अच्छा है, उसका श्रेय मेरी मां को जाता है।
ये पंक्तियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मां के 100वें जन्मदिन पर 18 जून 2022 को एक ब्लॉग में लिखी थीं। प्रधानमंत्री मोदी की माता हीराबेन अब हमारे बीच नहीं रहीं। शुक्रवार 30 दिसंबर को उनका संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके निधन से देश व्यथित है, विदेश से भी राष्ट्राध्यक्षों के शोक संदेश आए। ऊपर लिखित पंक्तियों में पीएम मोदी ने अपने चरित्र के बारे में जो लिखा, उसे निभाया भी। मां के निधन का समाचार मिलते ही वे दिल्ली से तत्काल गुजरात पहुंचे। माता की अंतिम यात्रा व अंतिम संस्कार तक के तमाम संस्कार पूरे करके पुत्र धर्म निभाया। इसके थोड़ी देर बाद ही राजधर्म निभाने के लिए दिल्ली लौट गए । पूर्वी भारत को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात दी। उस दिन अन्य सरकारी दायित्व भी उन्होंने पूरे किए।
मां ने सिखाया, काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से
पीएम मोदी की माता हीराबेन अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके प्रेरक प्रसंग अब भी सभी के मन, मस्तिष्क और चर्चाओं में मौजूद हैं । पीएम मोदी ने अपनी मां हीराबेन की एक और बड़ी सीख का जिक्र अपने ब्लॉग में किया था। उन्होंने याद किया कि जब वह अपनी मां के सौवें जन्मदिन पर उनसे मिले थे तो मां ने मुझसे कहा था, ‘‘काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।”
इस तरह दी अपनी मां को अंतिम श्रद्धांजलि
‘शानदार शताब्दी का ईश्वर के चरणों में विराम। मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है।’
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