ब्लिट्ज ब्यूरो
उज्जैन। धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। पर्यावरण पर खतरा मंडरा रहा है। इसे लेकर लोगों में अलख जगाने का बीड़ा उठाया है आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ने। सौर ऊर्जा के लिए उन्होंने ‘एनर्जी स्वराज’ नाम का आंदोलन छेड़ रखा है। इसके जरिए वे जलवायु परिवर्तन से धरती के बढ़ते तापमान और उससे होने वाले खतरों के प्रति आगाह कर रहे हैं। परिवार छोड़कर वे बस से देशभर की यात्रा पर निकले हैं।
इसी बस को उन्होंने अपना घर बना लिया । यात्रा के दौरान वह लोगों से मिलकर सौर एनर्जी के बारे में जागरूक कर रहे हैं। 6 नवंबर 2020 को भोपाल से शुरू हुई यात्रा 2030 में संपन्न होगी। डॉ. चेतन सोलंकी ने इसके लिए 35 लाख रुपए में बस तैयार करवाई है।
– तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड, प्राइम मिनिस्टर अवार्ड भी
डेढ़ लाख को कर चुके जागरूक
दो साल में विभिन्न राज्यों में 33 हजार किलोमीटर की यात्रा कर डेढ़ लाख लोगों को सोलर एनर्जी के प्रति जागरूक कर चुके हैं। हाल में डॉ. सोलंकी की यात्रा गुजरात से उज्जैन पहुंची। यहां उन्होंने लोगों को जागरूक किया। यहां से वे महाराष्ट्र रवाना हो गए।
ऐसे आया आइडिया
प्रोफेसर डॉ. सोलंकी ने बताया कि पिछले काफी समय से खबरें आ रही थीं कि ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण धरती का तापमान बढ़ रहा है। पर्यावरण संकट में है। सौर ऊर्जा ही इसका एकमात्र उपाय है। किसी को तो शुरुआत करनी थी। सोचा- मैं ही क्यों न पहल करूं। पत्नी और बेटियों से बात की, तो उन्होंने भी सपोर्ट किया।
पांच साल की अनपेड लीव
उन्होंने नौकरी से 5 साल की अनपेड लीव ली। नौकरी, घर-परिवार और आरामदायक जिंदगी छोड़ देशभर में सौर ऊर्जा स्वराज क्रांति लाने के लिए यात्रा पर निकल पड़े। कहा, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रेरित होकर ‘एनर्जी स्वराज’ की अलख जगा रहा हूं। दो साल हो चुके हैं। आने वाले 9 साल भी बस में ही बिताएंगे।
पीढ़ियों तक दुष्परिणाम
वह कहते हैं कि यह जनआंदोलन है। समय के साथ जलवायु परिवर्तन को लेकर विश्वभर में चिंता जताई जा रही है। वायुमंडल में हर सेकेंड 1.5 मिलियन किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड घुल रहा है। इसका दुष्परिणाम आने वाली 10 पीढ़ी तक को भुगतना पड़ेगा।
बस में सौर ऊर्जा संचालित चीजें
बस में अधिकांश चीजें सोलर एनर्जी से चल रही हैं। बस में लाइट, किचन, लाइब्रेरी, बाथरूम, मंदिर, गार्डन, बेड, ऑफिस की सुविधा उपलब्ध है। बस को चलाने के लिए ड्राइवर और कंडक्टर भी है। वहीं, बस में ही प्रोफेसर की 5 सदस्यीय टीम भी काम करती है। जो आगे का प्लान तैयार करती है। इसके अलावा 30 लोगों की टीम अलग है जो देश में अलग-अलग शहरों में रह कर काम कर रही है। डॉ. सोलंकी ने बताया कि नए साल से प्रति माह के पहले बुधवार से सीसीडी (कालीमेट करेक्शन डे) चैलेंज की शुरुआत की गई है। इस बार 4 जनवरी को पहला चैलेंज हुआ। इस अभियान में एक्ट्रेस दिया मिर्जा भी जुड़ चुकी हैं।
सोलर एनर्जी के ब्रांड एंबेसडर
प्रोफेसर चेतन सिंह सोलर एनर्जी के इंडिया के ब्रांड एंबेसडर हैं। अब तक 650 कॉलेज, कंपनी और आम लोगों से मिलकर क्लाइमेट चेंज के बारे में समझा चुके। अब तक वे मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, हरियाणा जा चुके हैं।
प्रोफेसर चेतन सिंह के साथ 3 वर्ल्ड रिकॉर्ड, 2 यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड, प्राइम मिनिस्टर मोस्ट इनोवेटिव अवॉर्ड समेत अन्य प्रतिष्ठित अवॉर्ड जुड़ चुके।