ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। कतर में हो रहे फीफा वर्ल्ड कप में भले ही भारतीय टीम न खेल रही हो पर भारत और खासकर आगरा का फीफा वर्ल्ड कप से गहरा नाता जुड़ गया है। फीफा वर्ल्ड कप में जितनी भी टीमें हिस्सा ले रही हैं, उनके खिलाड़ियों को दी जाने वाली ट्रॉफी और उसका बॉक्स आगरा में तैयार किया गया है।
ट्रॉफी और बॉक्स को तैयार करने के पीछे एक लंबी गाथा है। बॉक्स और ट्रॉफी तैयार करने वाले अदनान शेख को कोई डेढ़ साल तक यह पता ही नहीं था कि वो जो ट्रॉफी और बॉक्स तैयार कर रहे हैं वे फीफा वर्ल्ड कप के लिए हैं। अदनान शेख ने बताया कि ट्रॉफी की कहानी करीब डेढ़ साल पहले शुरू हुई। आगरा के ताजगंज इलाके में जेम्स और हैंडीक्राफ्ट का काम करने वाले बिजनेसमैन अदनान शेख का परिवार पीढ़ियों से रह रहा है।
अदनान ने बताया कि उनका कतर और सऊदी अरब में भी कामकाज है। वो पिछले पांच साल से वहां पर काम कर रहे हैं। ऐसे में करीब डेढ़ साल पहले उनके पास कतर से एक ऑर्डर आया। उनको कतर सरकार की ओर से एक ट्रॉफी और उसका बॉक्स का डिजाइन भेजा गया। इस डिजाइन को अफ्रीका और यूरोप देश के डेलीगेट्स ने पास किया था। उस डिजाइन का सैंपल उनसे मांगा गया। उन्होंने डिजाइन के अनुसार सैंपल बनाकर भेज दिया। कुछ माह बाद उनके पास फिर से उस सैंपल को ब्रास में बनवाने का ऑर्डर आया। उन्होंने ब्रास में सैंपल बनाकर भेज दिया। इसके बाद काफी दिनों तक कोई बात नहीं हुई। फिर एक दिन उनको उस डिजाइन के करीब 2000 पीस बनाने का ऑर्डर मिला।
अदनान शेख ने बताया कि ट्रॉफी और बॉक्स का वजन करीब 22 किलो है। इसमें जो बॉक्स है, वो 15 किलो का है। बाकी ट्रॉफी 7 किलो की है। उन्होंने बताया कि बॉक्स और ट्रॉफी बनाने में नेचुरल सेमी प्रेशियस स्टोन लैपिस लाजुली का इस्तेमाल किया गया है। स्टोन के ऊपर ब्रास लगाया गया है। फिर इसके ऊपर 22 कैरेट गोल्ड की प्लेटिंग की गई है। ये ट्रॉफी और बॉक्स बेशकीमती है। ये स्टोन अफ्रीका में पाया जाता है। इसको बनाने में हाथ की कारीगरी का इस्तेमाल हुआ है।