लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप की बैठक का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह बैठक मानवता के कल्याण को एक नई दिशा देगी।
वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर। यह वास्तव में भारत का वो प्राचीन श्लोक है जो दुनिया के बारे में भारत की उस सोच को प्रदर्शित करता है कि भारत के पास जो कुछ भी था, उसके बारे में बिना राग द्वेष के या किसी भी अहंकार के य। कभी नहीं कहा कि यह मेरा है तो इस पर मेरा ही एकाधिकार है। निश्चित ही डिजिटल इकोनॉमी वसुधैव कुटुम्बकम के इस भाव के साथ पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है। ये बातें सीएम योगी ने पहली जी20 डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप की बैठक का शुभारंभ करते हुए कहीं। सीएम योगी ने केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ डिजिटल इकोनॉमी पर आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ।
जी20 से जुड़े प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 25 करोड़ की आबादी इस राज्य में निवास करती है। यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व भी करता है।
उत्तर प्रदेश के पास सबसे बड़ी युवा शक्ति है । आधुनिक अर्थव्यवस्था की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण आधार एमएसएमई की 96 लाख एमएसएमई यूनिट भी उत्तर प्रदेश में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य का क्षण है जब भारत ने आजादी के अमृतकाल प्रथम वर्ष में प्रवेश किया है तभी दुनिया के 20 प्रमुख प्रतिष्ठित देशों के समूहों की अध्यक्षता का अवसर प्राप्त हुआ । पिछले 9 वर्ष के अंदर वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाने और दुनिया के हर एक उस अवसर पर जब भी दुनिया को नई दिशा देने की बात रही हो तब प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है।
आज उत्तर प्रदेश में ई ऑफिस की प्रणाली लागू होने का परिणाम है कि कार्यप्रणाली में पूरी पारदर्शिता आई है। प्रदेश एक नई अर्थव्यवस्था के रूप में वैश्विक जगत में आगे बढ़ रहा है। आपने देखा होगा कि लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 40 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । पूरे आयोजन में उत्तर प्रदेश को 33 लाख 50 हजार करोड़ के अधिक के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए। केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री ने 2015 में डिजिटल इंडिया की शुरुआत की थी। इसके तीन केंद्र बिंदु थे। पहला टेक्नोलॉजी लोगों की लाइफ को बेहतर बनाए, दूसरा टेक्नोलॉजी अधिक अवसर उपलब्ध कराए और तीसरा ये सुलभ हो और इस पर किसी एक का एकाधिकार न हो। ये पीएम का विजन था। आज उसका नतीजा सब देख रहे हैं। टेक्नोलॉजी के अभाव में हमारी पिछली सरकारें पंगु बनी रहीं। एक प्रधानमंत्री ने तो यहां तक कहा था कि हम दिल्ली से 100 रुपए देते हैं तो लाभार्थी तक 15 रुपए ही पहुंचते हैं। आज डिजिटल टेक्नोलॉजी के जरिए 100 का 100 प्रतिशत लाभ पात्र व्यक्ति को मिल जाता है।
रेल, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2023 कई मामलों में बेहद अहम वर्ष होने जा रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक यूनीक फ्रेमवर्क तैयार किया है। डिजिटल टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की शुरुआत की है। ये पीपीपी मॉडल क्या है। इसका उदाहरण यूपीआई से समझते हैं।
केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि आज हर उद्योग, हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है। अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग आदि इसके उदाहरण हैं।उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है। पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए।