ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली से जयपुर अब हाई स्पीड में जाने के लिए आपके पास सिर्फ एक्सप्रेसवे ही नहीं बल्कि ट्रेन का विकल्प भी होगा। भारतीय रेलवे इस रूट पर 200-220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की तैयारी में है। खास बात यह है कि ये ट्रेन पूरे रास्ते जमीन से ऊपर ही चलेगी और इसके लिए एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने सिंह ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी। ये हाई स्पीड ट्रेन गुरुग्राम से होकर गुजरेगी।
हालांकि, अभी ये विचार बिलकुल शुरुआती चरण में है और इसकी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी डीपीआर बनना अभी बाकी है। राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि रेल मंत्रालय ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। एलिवेटेड रेल ट्रैक परियोजना की अभी डीपीआर बनेगी फिर इसे रेल मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। बकौल केंद्रीय मंत्री, एक बार डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद अगले साल से इस पर काम शुरू हो जाएगा। योजना के पूरा होने के बाद दिल्ली-जयुपर के बीच यात्रा का समय लगभग आधा हो जाएगा। फिलहाल ट्रेन से दिल्ली से जयपुर पहुंचने में 5-6 घंटे का समय लगता है। शताब्दी भी 4 घंटे से ज्यादा समय लेती है। ऐसे में 200-220 की स्पीड पर अगर ट्रेन चलती है तो ये सफर 2 घंटे का ही रह जाएगा। यानी एक बार फिर ट्रेन एक्सप्रेसवे के मुकाबले जल्दी जयपुर पहुंचने का साधन बन जाएगी।
कौन सी ट्रेन चलाने की योजना
इसके लिए कोई अलग ट्रेन नहीं डिजाइन की जाएगी, बल्कि पहले से चल रही सेमी हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत की गति को बढ़ाकर 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लायक बनाया जाएगा। राव इंद्रजीत ने कहा है कि इस परियोजना के कारण गुरुग्राम रेलवे स्टेशन को भी री-डिजाइन किया जाएगा। एक रेलवे अधिकारी के बयान के मुताबिक, पर्याप्त जमीन उपलब्धता के कारण एलिवेटेड ट्रैक बनाना संभव है। हम कई लोकल ट्रेनों का परिचालन करते हैं जिसकी वजह से मालगाड़ी और लंबी दूरी की यात्री गाड़ियों को परेशानी होती है। ऐसे में ये ट्रैक बन जाने से उन ट्रेनों को अलग कर दिया जाएगा जो एलिवेटेड रूट ले सकती हैं।
कई रूट्स पर बनेंगे एलिवेटेड ट्रैक
एलिवेटेड ट्रैक्स केवल दिल्ली-जयुपर रूट पर ही नहीं बनाए जाएंगे, इन्हें दिल्ली-अमृतसर, मुंबई-पुणे और बेंगलुरु-चेन्नई समेत कई अन्य शहरों के बीच बनाए जाने की योजना भी है दरअसल, 200-300 किलोमीटर की दूरी वाले बड़े शहरों के बीच ऐसी प्रीमियम ट्रेनों की मांग बहुत ज्यादा है जो जल्द-से-जल्द लोगों को गंतव्य स्थल तक पहुंचा सकें । इसी तरह से वंदे भारत मेट्रो भी शुरू की जा रही हैं जो 100 किलोमीटर के दायरे में सफर करेंगी।