भारत के लिए यह जी20 समिट कई मायनों में बेहद खास रहा। कोरोना के दौर के बाद पहली बार व्लादिमिर पुतिन को छोड़कर इतने हेड ऑफ द स्टेट्स एक ही मंच पर मौजूद थे। भारत को जी-20 की प्रेसिडेंसी मिलने का मतलब साफ है कि वर्ल्ड फोरम पर हमारी बात सुनी जा रही है। इससे भी खास बात यह है कि जर्मनी, फ्रांस, जापान, सऊदी अरब और ब्रिटेन अब भारत से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने के लिए उतावले नजर आ रहे हैं। समिट में भारत का कद कितना ऊंचा रहा इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैंै कि अमेरिका ने पहली बार इस समिट के लिए अपने हिंदी बोलने वाले प्रवक्ता जेड तरार को भेजा।
दिसंबर में क्या? : भारत को जी20 की मेजबानी मिलने के बाद अब दिसंबर 2022 में इसका उद्घाटन सत्र उदयपुर में होगा। राजस्थान के तीन शहर उदयपुर, जोधपुर और जयपुर में अलग-अलग मुद्दों पर कॉन्फ्रेंस होंगी। 2024 में ब्राजील अध्यक्षता संभालेगा।
जी20 लीडर्स ने मैंग्रोव फॉरेस्ट का दौरा किया : पीएम मोदी समेत जी20 में शामिल सभी नेता बाली के मैंग्रोव फॉरेस्ट गए और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करने वाले पौधे लगाए। क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन हाल के समय में बहुत ही गंभीर मुद्दा बनकर उभरा है और 2022 में दुनिया बेहाल रही। हाल ही में भारत ने ग्लोबल मैंग्रोव अलायंस में शामिल होने की घोषणा की थी। ये अलायंस इंडोनेशिया और यूएई ने बनाया है। मैंग्रोव तटीय जंगल हैं जो साइक्लोन और तूफान के प्रभावों को कम करते हैं। इसके अलावा ये ज्यादा कार्बन एमिशन को ऐब्जार्ब करते हैं।